“वर्दी अस्थायी है, लेकिन कर्तव्य हमेशा के लिए है”, विदाई के बाद पूर्व DGP प्रशांत कुमार का भावुक संदेश

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उत्तर प्रदेश पुलिस के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार 31 मई 2025 को सेवानिवृत्त हो गए। 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे प्रशांत कुमार का करियर अनुशासन, नेतृत्व और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल रहा। अपने रिटायरमेंट के अगले दिन यानी 1 जून को उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश साझा करते हुए पूरे पुलिस बल और सहयोगियों का धन्यवाद किया।

लिखा भावुक संदेश 

इस संदेश में उन्होंने अपने लंबे पुलिस करियर को एक ‘आह्वान’ बताया और अपने साथ खाकी में खड़े हर सिपाही और अधिकारी को नमन किया। उन्होंने लिखा कि “ये सिर्फ फेयरवेल नहीं है, बल्कि ठहरने और आप सभी को धन्यवाद देने का अवसर है।

प्रशांत कुमार ने वर्दी में बिताए पहले दिन से आखिरी दिन तक खुद को जनता की सेवा, न्याय की रक्षा और अपनी टीम के साथ खड़े रहने के संकल्प से जुड़ा बताया।

आगे उन्होंने लिखा कि “हम जो करते हैं वह सिर्फ एक नौकरी नहीं बल्कि एक आह्वान है। भारी बारिश में ट्रैफिक संभालने वाले कॉन्स्टेबल से लेकर, रातों की नींद गंवा कर केस सुलझाने वाले अफसरों और नवाचार करने वाली टीमों तक—आप ही इस फोर्स की असली आत्मा हैं।”

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते वर्षों में साइबर अपराध, संकट प्रबंधन और आधुनिक पुलिसिंग के मोर्चे पर कई उपलब्धियां हासिल कीं। “सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि हमने नागरिकों में खाकी के प्रति विश्वास बहाल किया। मेरे लिए यह सबसे बड़ा पदक है, जिसे मैं सेवानिवृत्ति के साथ लेकर जा रहा हूं,”

अंत में उन्होंने लिखा कि “अब भले ही मेरे कंधों पर सितारे न हों, लेकिन पुलिस सेवा की भावना हमेशा मेरे दिल में रहेगी।” उन्होंने सभी से साहस, करुणा और विवेक के साथ सेवा करते रहने की अपील की और याद दिलाया, “वर्दी अस्थायी है, कर्तव्य सदा के लिए है।”

 

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