जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए देश में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने का निर्देश दिया है। इस फैसले से खासतौर पर उत्तर प्रदेश में रह रहे लगभग 1800 पाकिस्तानी नागरिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जो बीते कुछ वर्षों में वीजा पर भारत आए थे लेकिन निर्धारित समयसीमा में वापस नहीं लौटे। डीजीपी ने इस मामले में अब आदेश जारी किए हैं।
ब्यौरा जुटाने में जुटी पुलिस
केंद्र सरकार के आदेश के बाद यूपी पुलिस और खुफिया एजेंसियां इन नागरिकों की पहचान और ब्योरा जुटाने में लग गई हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने स्पष्ट किया है कि सरकार के निर्देशानुसार सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ना होगा और जो निर्धारित मियाद तक वापस नहीं जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पाकिस्तानी नागरिकों की उपस्थिति पाई गई है। उदाहरण के तौर पर बरेली में 35, बुलंदशहर में 18, वाराणसी में 10 और रामपुर में 30 पाकिस्तानी नागरिक निवास कर रहे हैं। इन सभी का डेटा स्थानीय खुफिया इकाइयों द्वारा एकत्र किया जा रहा है ताकि उन्हें जल्द से जल्द देश से वापस भेजा जा सके।
एसपी कार्यालय में होता है रजिस्ट्रेशन
गौरतलब है कि पाकिस्तान से भारत आने वाले नागरिकों को शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म वीजा पर अनुमति दी जाती है, लेकिन इसके बाद उन्हें संबंधित जिले के एसपी कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। वहीं, सभी रिकॉर्ड फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) और खुफिया ब्यूरो (IB) द्वारा संकलित किए जाते हैं।