महाकुंभ एक विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है।। यह आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है और इसे भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए करोड़ों लोग वहां आते हैं। महाकुंभ 2025 के आयोजन के मद्देनजर, उत्तर प्रदेश पुलिस ने जल, थल, और नभ—तीनों स्तरों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी की है। इसी के चलते बीती शाम यूपी के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने हाल ही में प्रयागराज में मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया और सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया।
तटों की सुरक्षा पर तैनात होंगे जवान
इस दौरान डीजीपी प्रशांत कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि महाकुंभ में सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की जाएगी, जिसमें आधुनिक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग होगा। उन्होंने कहा कि मुख्य स्नान के दिनों में जल, थल, और नभ—तीनों माध्यमों से सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। सुरक्षा तैयारियों के तहत जल पुलिस के 2,500 जवान तटों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं, और मेले की शुरुआत से पहले इस संख्या में और वृद्धि की जाएगी। इसके अलावा, 11 एफआरपी स्पीड मोटर बोट, 4 वाटर एंबुलेंस, और 2 फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन भी स्थापित किए गए हैं। संगम क्षेत्र में 8 किलोमीटर की डीप वॉटर बैरिकेडिंग की गई है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। डीजीपी ने बताया कि भारी संख्या में ड्रोन और एंटी-ड्रोन उपकरण मंगाए गए हैं, और एटीएस की महिला विंग भी सक्रिय भूमिका निभा रही है। साइबर सुरक्षा के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर कार्य कर रही हैं।
अफसरों को दिए गए निर्देश
सुरक्षा के साथ-साथ, ट्रैफिक और फायर सेफ्टी के लिए भी नए उपकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। डीजीपी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी तैयारियों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें और मेले के दौरान सतर्क रहें। महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है, और उत्तर प्रदेश पुलिस उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।