उत्तर प्रदेश के सात प्रमुख शहरों में लागू पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली को और प्रभावी बनाया जाएगा। इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जानकारी प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने दी। वह कानपुर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम “मंथन” में शामिल होने पहुंचे थे, जहां उन्होंने कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने की योजनाओं पर चर्चा की। ये कार्यक्रम कानपुर पुलिस कमिश्नरेट को चार साल पूरे होने के मौके पर आयोजित किया गया था।
पुलिस विभाग की भी तारीफ की
इस दौरान डीजीपी ने प्रेसवार्ता में बताया कि हाल ही में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था का थर्ड-पार्टी ऑडिट कराया गया था, जिसमें कई अहम सुझाव मिले हैं। खासकर महाकुंभ के दौरान अपनाई गई पुलिसिंग व्यवस्था से सीख लेकर जल्द ही सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान कानपुर जिले के पुलिसकर्मियों को प्रेरित करते हुए डीजीपी ने कहा कि अवसरों का सही उपयोग करने वाले लोग ही आगे बढ़ते हैं। इस दौरान उन्होंने प्रदेशभर में चल रहे “ऑपरेशन कन्विक्शन” के तहत 14 महीनों में 79 हजार अपराधियों को सजा दिलाने की उपलब्धि भी साझा की।
उन्होंने कानपुर कमिश्नरेट के अभियानों, जैसे “ऑपरेशन त्रिनेत्र”, “ट्रैफिक दोस्त” और “ऑपरेशन कन्विक्शन” की सराहना की तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित भी किया।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली उन्हीं शहरों में लागू की जा रही है, जहां आबादी अधिक है। प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अपराध और अपराधियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई गई है, जिसे आगे भी जारी रखा जाएगा।
द स्पोर्ट्स हब की सराहना की
इसके अलावा, उन्होंने कानपुर के “द स्पोर्ट्स हब” का दौरा कर वहां की खेल सुविधाओं को देखा और विशेष रूप से शूटिंग रेंज का अनुभव लिया। उन्होंने कहा कि ऐसे विश्वस्तरीय खेल केंद्र न केवल खिलाड़ियों के विकास में सहायक हैं, बल्कि प्रदेश में खेल संस्कृति को भी बढ़ावा देते हैं। डीजीपी ने इस मॉडल को अन्य शहरों में भी लागू करने के लिए मुख्यमंत्री से चर्चा करने की बात कही।