दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पश्चिम बंगाल कैडर के एक आईपीएस अधिकारी को उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर की अनुमति दी है ताकि वह अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक जीवन बिता सकें। कोर्ट ने साफ कहा कि उच्च पद पर कार्यरत व्यक्ति भी पारिवारिक जीवन का अधिकार रखता है, इसलिए सरकार को इसे बाधित नहीं करना चाहिए।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल कैडर के एक आईपीएस याचिकाकर्ता की शादी 2020 में उत्तर प्रदेश कैडर की एक महिला आईपीएस अधिकारी से हुई थी। उनकी पत्नी बनारस में तैनात हैं, इसलिए उन्होंने यूपी ट्रांसफर की मांग की। लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने इस अनुरोध को ठुकरा दिया। इस पर अधिकारी ने हाईकोर्ट का रुख किया, जहां उन्हें न्याय मिला। कोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल सरकार को दो हफ्तों में अधिकारी को कार्यमुक्त करना होगा।
पश्चिम बंगाल सरकार पर कोर्ट की नाराजगी
इस मामले की सुनवाई जस्टिस सी. हरीशंकर और जस्टिस अजय दिग्पॉल की बेंच ने की। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि जब अंतर-कैडर ट्रांसफर नीति के तहत पति-पत्नी को एक साथ रहने की अनुमति दी जा सकती है, तो फिर राज्य सरकार अधिकारियों की कमी का बहाना क्यों बना रही है?
बेंच ने यह भी कहा कि यह सिर्फ एक अधिकारी का मामला नहीं है, बल्कि पश्चिम बंगाल सरकार से जुड़े कई और ट्रांसफर मामलों में भी देरी की जा रही है। कोर्ट ने दो टूक शब्दों में कहा कि मुकदमेबाजी को खेल की तरह नहीं देखा जाना चाहिए और बार-बार एक ही मुद्दे पर कोर्ट का समय बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस ट्रांसफर पर कोई आपत्ति नहीं जताई और कहा कि वे अधिकारी का स्वागत करेंगे।