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झांसी पहुंचकर IPS कलानिधि नैथानी ने संभाला DIG का पद, पुलिस अफसरों को दिए सख्त निर्देश

यूपी पुलिस विभाग में हाल ही में कई अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव हुआ। इसी के…

तो इस वजह से पुलिस कमिश्नर के पद से हटाए गए IPS प्रीतिंदर सिंह…..?

नए साल की शुरुआत से उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में तैनात आईपीएस अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसी क्रम में आज भी प्रदेश के छह अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव हुए हैं। इस लिस्ट में आगरा जिले के सीपी प्रीतिंदर सिंह को हटाकर मुख्यालय से संबद्ध किया गया। उनकी जगह अब आईपीएस जे रविन्द्र गौड़ को आगरा की कमान सौंपी गई है। वो वर्तमान में गोरखपुर के आईजी के पद पर तैनात थे। खबरों की मानें तो आगरा में हाल ही में कुछ ऐसा मामला सामने आया, जिस वजह से कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी। ऐसा अंदेशा लगाया जा रहा है कि ये तबादला इसी वजह से हुआ है।

इस मामले से सुर्खियों में थी आगरा पुलिस

जानकारी के मुताबिक, आगरा पुलिस ने 4 बीघा जमीन कब्जाने के आरोप में कुल्फी बेचने वाले 3 लोगों को गांजा तस्करी में जेल भेज दिया। इसके बाद अवैध शराब बनाने के केस में इस परिवार की 2 महिलाएं जेल भेज दीं। करीब 100 दिन बाद जेल से छूटकर इस परिवार ने DGP से शिकायत की। DGP ऑफिस के आदेश पर जांच हुई तो सच्चाई सामने आई। डीजीपी दफ्तर में शिकायत करने के बाद हुई जांच में पुलिसकर्मियों की करतूत का पर्दाफाश हो गया।

सीपी ने की कार्रवाई

मामला में सख्त कार्रवाई करते हुए पुलिस कमिश्नर ने चार पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया। सीपी प्रीतिंदर सिंह ने ये जानकारी दी थी कि, ये कार्रवाई करोड़ों की जमीन कब्जाने के मामले में की गई है। इस मामले में पुलिसकर्मियों के द्वारा जमीन पर कब्जा हटाने के विरोध पर फर्जी मुकदमे में कुल्फी बेचने वाले को फंसाया गया था। फिलहाल पीड़ित को जमीन वापिस दिलाई गई है।

इस मामले में गलत एक्शन लेने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के अंतर्गत विभिन्न धाराओं में कमल चौधरी, धीरू चौधरी, जितेंद्र कुमार समेत चार पुलिसकर्मियों पर नामजद मुकदमा दर्ज कर विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। पुलिस कर्मियों के अलावा 15 अज्ञात को भी आरोपी बनाया गया है।

Ayodhya: कारसेवकों पर गोली ना चलाने की वजह से सस्पेंड हुए थे तत्कालीन SSP, अब परिवार को मिला प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण

22 जनवरी के दिन के लिए हर कोई काफी उत्साहित है. दरअसल, इस दिन सालों के इंतजार के बाद अयोध्या के विशाल मंदिर में रामलला को विराजमान किया जाएगा। वैसे तो हर हिंदू व्यक्ति इस दिन को लेकर काफी खुश है, लेकिन सबसे ज्यादा खुशी उन लोगों के घरों में दिखाई दे रही है, जो लोग 1992 में अयोध्या में मौजूद थे। इसी क्रम में आज तत्कालीन अयोध्या एसएसपी का परिवार काफी खुश है। दरअसल, भले ही तत्कालीन अयोध्या एसएसपी और जिले से सांसद रहे दिवगंत पूर्व एसएसपी डीबी रॉय इस वक्त दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके पुत्र पुनीत राय को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण पहुंचा है। जिस वजह से उनके घर में खुशी का माहौल है।

हुए थे सस्पेंड

जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन अयोध्या एसएसपी रहे डीबी राय के पुत्र पुनीत राय ने बताया कि भगवान श्रीराम के प्रति जो आस्था पिताजी की थी, उतनी ही आस्था आज हम लोगों के दिल में हैं। सन 1992 की अयोध्या कारसेवा में पिताजी ने निहत्थे कारसेवकों पर गोली नहीं चलवाई थी, जिसके कारण उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। सस्पेंशन के बाद कोर्ट में सीबीआई चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई। ऐसे में 6 महीने बाद वो बहाल हो गए।

तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को इस्तीफा सौंपा, उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया। अंत में उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी तब जाकर 1996 में इस्तीफा मंजूर हुआ लेकिन वेतन एवं पेंशन रोक दिया गया था। इसके बाद भी वो कभी झुके नहीं और उन्होंने अंत तक यही कहा कि मुझे इस बात का जरा सा भी दुख नहीं है कि कारसेवकों पर गोली नहीं चलाने की वजह से मुझे सस्पेंड किया गया।

खुश है परिवार

ऐसे में अब जब डीबी राय के परिवार को मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण पहुंचा है तो वो काफी खुश हैं, क्योंकि अभी तक जिले में किसी भी व्यक्ति को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला है। ऐसे में वो इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

UP Police में फिर चली तबादला एक्सप्रेस, IPS जे रवींद्र गौड़ को मिली आगरा की कमान

उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में लगातार तबादलों का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में आज…

Muzaffarnagar: कार्यभार संभालते ही SSP ने दिखाई सख्ती, BJP नेता की गाड़ी को किया सीज

हाल ही में मुजफ्फरनगर की कमान संभालने वाले एसएसपी अभिषेक सिंह ने पदभार संभालते ही पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दे दिया था। उन्होंने ये साफ शब्दों में कहा था कि वो न तो कार्यक्षेत्र में लापरवाही करते हैं, न उन्हें ये पसंद है। इसी क्रम में उन्होंने बीती रात अपने सख्त तेवर भी दिखा दिए। दरअसल, बीती देर शाम एसएसपी अचानक वाहनों की चेकिंग करने निकल गए। इस दौरान एसएसपी ने भारतीय जनता पार्टी के एक नेता को जमकर हड़काते हुए कानून का पालन करने की हिदायत दी, वहीं उनकी गाड़ी भी सीज करा दी।

बीजेपी नेता की लगाई क्लास

जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरनगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह पुलिस टीम के साथ सिविल लाइन थाना क्षेत्र में महावीर चौक पर वाहनों की चेकिंग करा रहे थे, तभी वहां पर एक लग्जरी गाड़ी पहुंची, जिस पर लाल-नीली बत्ती लगी थी। ऐसे में एसएसपी ने उस गाड़ी को रुकवा दिया।

पूछताछ में चालक ने बताया कि उसका नाम निधिशराज गर्ग है और वो एक बीजेपी नेता। निधिशराज गर्ग ने एसएसपी को बताया कि वह भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं और उनके पिता डा. एम एल गर्ग सेवानिवृत सीएमएस हैं।

गाड़ी को किया सीज

इसके बाद एसएसपी ने निधिशराज गर्ग के रवैये को देखकर गाड़ी पर गैरकानूनी तरीके से लाल-नीली बत्ती लगाने पर हड़काते हुए हिरासत में लेने के निर्देश दिए, जिसके बाद बीजेपी नेता माफी मांगने लगे तो एसएसपी ने उन्हें तो माफ कर दिया लेकिन एसएसपी के निर्देश पर भाजपा नेता की कार को सिविल लाइन पुलिस ने कब्जे में लेकर सीज कर दिया। एसएसपी की इस कार्रवाई के बाद महकमे में हड़कंप मच गया।

Bareilly SSP की मेहनत लाई रंग, अब और मजबूत होगी जिले की कानून व्यवस्था 

यूपी में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है।…

Muzaffarnagar: पदभार संभालते ही दिखे SSP के सख्त तेवर, थानेदारों को दी चेतावनी

हाल ही में नए साल की शुरुआत में ही कई आईपीएस अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया। इस लिस्ट में आईपीएस अभिषेक सिंह को मुजफ्फरनगर की कमान सौंपी गई। ऐसे में पदभार संभालते ही एसएसपी सख्त तेवर में दिखे। उन्होंने पदभार संभालते ही माफिया पर गैंगस्टर की कार्रवाई करने के आदेश भी थानेदारों को दिए हैं।मुजफ्फरनगर एसएसपी ने सभी थानेदारों को दस साल का आपराधिक आंकड़ा लेकर बुलाया गया था। इस दौरान उन्होंने साफ तौर पर ये आदेश जारी किए कि अगर कोई थाने का हिस्ट्रीशीटर या टॉप टेन में शामिल बदमाश अपराध करता है तो संबंधित थानेदार को लाइन भेज दिया जाएगा और विभागीय जांच अलग से कराई जाएगी।

एसएसपी ने गिनाईं प्राथमिकताएं

जानकारी के मुताबिक, कार्यभार संभालते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह सबसे पहले सभी थानेदारों और सीओ से परिचय प्राप्त करने के बाद एसएसपी अभिषेक सिंह ने थानेदारों और अधिकारियों को अपनी प्राथमिकताओं का बारे में बताया।

इसके बाद उन्होंने शराब, खनन, पशु, वन, भूमाफिया आदि माफियाओं के बारे मे जानकारी कर इस प्रकार के अपराधो मे संलिप्त अभियुक्तों पर गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत की गई कार्यवाही तथा उनके विरुद्ध पंजीकृत किये गए गैंगस्टर अधि0 के अभियोगों में वांछित अभियुक्तों की स्थिति की समीक्षा की।

गलती पर होगी विभागीय जांच

आगे उन्होंने निर्देश दिए कि अगर उनके थानाक्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर या फिर टाप टेन की सूची में शामिल बदमाश अपराध करता है तो संबंधित थानेदार से लेकर बीट सिपाही और हल्का इंचार्ज को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया जाएगा और विभागीय जांच अलग से कराई जाएगी।

Lucknow: विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर जानलेवा हमला, वर्दी फाड़ने के बाद सिपाही को जमकर पीटा

जो पुलिस लोगों की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहती है, आज के समय में उन्हीं पर कई जगहें हमलों की खबरें सामने आती रहती हैं। ताजा मामला लखनऊ जिले का है, जहां मकान मालिक और किरायदारों के बीच हुए झगड़े को सुलझाने के लिए पहुंची पुलिस पर ही लोगों ने हमला कर दिया। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों की वर्दी फाड़ दी और सिपाही को मजकर पीटा। खबर मिलते ही अतिरिक्त पुलिस फोर्स वहां पहुंची, तब जाकर मामले को शांत कराते हुए आरोपी को पकड़ लिया गया। अभी कई आरोपी फरार है।

ये था मामला

जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में शिवम, विजय ने देवपुर पारा निवासी राजकुमार के मकान में दुकान किराए पर ली थी। इस दुकान का तीन साल का एग्रीमेंट था। यह अक्तूबर 2024 में पूरा होना है। इसके बाद भी राजकुमार के लड़के करन दुकान खाली करने का दबाव बना रहे थे। इसी बीच पीड़ितों ने कोर्ट की भी मदद लेने की कोशिश की। इसी मामले में कुछ दिन पहले मलिहाबाद निवासी मोबाइल कारीगर शिवम गौतम, पारा निवासी डेयरी संचालक विजय सिंह ने आईजीआरएस में शिकायत की थी। इस शिकायत में कहा गया था कि देवपुर पारा निवासी राजकुमार रावत का बेटा करण उनकी दुकान को जबरन खाली करा रहा है।

पुलिसकर्मियों की हुई पिटाई

इसी शिकायत की वजह से पुलिस टीम विवादस्थल पर पहुंची। इस दौरान वहां शिवम, विजय संग करन, परिवार वाले झगड़ा कर रहे थे। उन्हें दरोगा और सिपाही ने रोकने का प्रयास किया तो करन रावत ने दरोगा पर हमला कर दिया। भाई अर्जुन ने झपटकर दरोगा राज की वर्दी फाड़ दी। सिपाही मोहित ने आरोपियों को रोकने का प्रयास किया। इसके साथ ही करन की बहन कंचन, बहनोई अनिल ने सिपाही से मारपीट की। फिलहाल पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपी वहां से फरार हो गए। ऐसे में बाकियों की तलाश जारी है।

UP POLICE में शुरू हुई SI और ASI पदों के लिए भर्ती, इस तरह करें आवेदन

नए साल के साथ ही यूपी पुलिस में एसआई और एएसआई की भर्ती के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं। रविवार को इस भर्ती का नोटिफिकेशन भी जारी हो गया। जो भी युवा इस भर्ती के लिए आवेदन करना चाहते हैं वो उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट uppbpb.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की आखिरी तारीख 28 जनवरी 2024 है।

मांगी गई ये योग्यता

जानकारी के मतुबाकि, नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि जो भी व्यक्ति पुलिस उप निरीक्षक (गोपनीय) और पुलिस सहायक उप निरीक्षक (लिपिक ) के लिए आवेदन करना चाहता है, उसके पास किसी भी स्ट्रीम स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। वहीं पुलिस सहायक उप निरीक्षक (लेखा) पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी का काॅर्मस से ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। इन पदों के लिए टाइपिंग की स्पीड भी पहले से निर्धारित है। आवेदन करने वाले अभ्यर्थी की उम्र 21 वर्ष से 28 वर्ष के बीच होनी चाहिए। ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग के अभ्यर्थी को अधिकतम उम्र सीमा में सरकार के नियमानुसार छूट भी दी गई है।

ऐसे करें अप्लाई

सबसे पहले UPPBPB की आधिकारिक वेबसाइट uppbpb.gov.in पर जाएं। इसके बाद होम पेज पर उपलब्ध सब इंस्पेक्टर और सहायक सब इंस्पेक्टर आवेदन लिंक पर क्लिक करें। इसके बाद यहां एक नया पेज खुलेगा जहां अपना पंजीकरण करें। रजिस्ट्रेशन के बाद अकाउंट में लॉगइन करें और आवेदन शुरू करें। सभी आवश्यक जानकारी दर्ज करें और डाक्यूमेंट अपलोड करें। फीस जमा करें और सबमिट करें। यहां सभी जानकारियां सही तरह से भरें, ताकि कोई गलती ना होने पाए।

इतनी है फीस

आपको बता दें कि सभी वर्ग के संबंधित अभ्यर्थियों के आवेदन शुल्क 400 रुपए निर्धारित है। शुल्क का भुगतान ऑनलाइन मोड के माध्यम से किया जाना है। ऐसे में फीस भरकर फिर परीक्षा की तैयारी शुरू कर दें।

गाजियाबाद: सड़क हादसे में दो सिपाहियों की मौत, चालक की हालत गंभीर

यूपी के गाजियाबाद जिले में हुए सड़क हादसे में यूपी और दिल्ली के दो सिपाहियों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के वक्त ये गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई थी। इसी के चलते ये दर्दनाक हादसा हो गया। हादसे के बाद अन्य पुलिसकर्मी घायल पुलिसकर्मियों को पास के अस्पताल में ले गए, जहां दो सिपाहियों को मृत घोषित कर दिया गया। फिलहाल खबरों की मानें तो गाड़ी चलाने वाला चालक भी घायल है लेकिन उसकी हालत खतरे से बाहर है। मृतक सिपाहियों में से एक के पिता ने इसे हादसा नहीं बल्कि साजिश का नाम दिया है।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस में सिपाही जय ओम शर्मा और उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही जयवीर सिंह राघव बिल्डर निखिल चौधरी की सुरक्षा में तैनात थे। बीती रात कार में दोनों सिपाही और एक चालक इंदिरापुरम से वसुंधरा के बुद्ध चौक की ओर जा रहे थे। देर रात इनकी कार एलिवेडेट रोड के नीचे कार डिवाइडर से टकरा कर पलटती हुई दूसरी तरफ पहुंच गई।

जैसे ही पास में स्थित पुलिस चौकी पर हादसे की खबर पहुंची तो मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने सिपाहियों को तत्काल ही अस्पताल में भर्ती कराया, जहां दोनों सिपाहियों को मृत घोषित कर दिया गया। फिलहाल अभी चालक भी घायल है।

हो रही है मामले की जांच

हादसे के बाद दोनों सिपाहियों के परिजनों को हादसे की सूचना दे दी गई है। दोनों सिपाहियों का शव हिंडन मोर्चरी पर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मृतक सिपाही जयवीर सिंह के पिता घनश्याम सिंह का कहना है कि दोनों पुलिसकर्मियों की मौत गले नहीं उतर रही। उनका कहना है कि ये हादसा नहीं बल्कि हत्या है। इसी के चलते अब अफसरों ने मामले में जांच बैठाई है।