महाकुंभ : आज श्रद्धालुओं की सुरक्षा में जुटे UP Police के अफसर, 200 ट्रेनी अफसरों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी

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महाकुंभ 2025 के दौरान बसंत पंचमी (3 फरवरी) के अमृत स्नान पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष प्रबंध किए हैं। हाल ही में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की घटना के बाद, प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए अनुभवी अधिकारियों की तैनाती की है। सुरक्षा को और भी ज्यादा कड़ा करने के लिए आज बसंत पंचमी पर अमृत स्नान में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी 200 प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों को सौंपी गई है। ट्रेनी अफसरों के साथ-साथ अन्य पुलिस अफसर भी आज फील्ड पर उतरे हुए हैं, ताकि किसी तरह की कोई घटना न होने पाए।

अफसर उतरे फील्ड पर

जानकारी के मुताबिक, आज बसंत पंचमी के दिन करोड़ों लोग संगम स्नान को पहुंच रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पिछले अमृत स्नान पर हुई भगदड़ को देखते हुए आज सुरक्षा व्यवस्था के और भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। आज संगम क्षेत्र में अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज जोन, प्रयागराज भानु भास्कर , पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज परिक्षेत्र प्रेम गौतम , पुलिस उप महानिरीक्षक महाकुम्भ वैभव कृष्ण , वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रेलवे प्रयागराज अभिषेक कुमार , वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ राजेश द्विवेदी खुद फील्ड पर नजर रखे हुए हैं।

इसके अलावा, सात राजपत्रित पुलिस अधिकारियों को भी मेले में ड्यूटी पर लगाया गया है, जिनमें देवरिया के एसपी दीपेन्द्र नाथ चौधरी, भ्रष्टाचार निवारण संगठन के लक्ष्मी नारायण मिश्र, प्रशासन के राजधारी चौरसिया, डीसीपी (कानपुर नगर) श्रवण कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र त्रिपाठी, ओम प्रकाश सिंह और प्रवीण कुमार यादव शामिल हैं।

200 ट्रेनी अफसर भी तैनात

सीनियर अफसरों के साथ-साथ 200 प्रशिक्षु आईपीएस को भी संगम क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाया गया है। ये सभी अफसर फील्ड पर रहकर लोगों की मदद करेंगे और आज पूरे दिन भीड़ को नियंत्रण करेंगे। इन अफसरों को महाकुम्भ के श्रद्धालुओं व कल्पवासियों की सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण, भौगोलिक स्थिति, यातायात व्यवस्था, श्रद्धालुओं के हुजूम व आपातकालीन यातायात प्रबंधन की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कैसे करें, इसकी जानकारी दी जा चुकी है। विशेष परिस्थितियों में संगम समेत अन्य दूसरे घाटों, महत्वपूर्ण स्थानों व पांटून पुलों के साथ प्रवेश द्वार व निकास द्वार पर की जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में भी जानकारी दी गई है।

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