कुख्यात बदमाशों को जहन्नुम पहुंचाने में माहिर हैं POLICE विभाग के यह ENCOUNTER स्पेशलिस्ट

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बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को 2006 के एक फर्जी एनकाउंटर मामले में दोषी ठहराया. अदालत ने प्रदीप शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को तीन हफ्ते में सरेंडर करने के लिए कहा है.प्रदीप शर्मा को इससे पहले एंटीलिया आतंकी धमकी मामले और व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के सिलसिले में NIA ने गिरफ्तार किया था. हालांकि पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. प्रदीप शर्मा की गिनती मुंबई ही नहीं देश के टॉप एनकाउंटर स्पेशलिस्ट में होती है.

कई एनकाउंटर विवादों में भी

प्रदीप शर्मा अब एक बार फिर सलाखों के पीछे रहेंगे. प्रदीप शर्मा को मुंबई में अपराधी मौत का दूसरा मानते हैं. 90 के दशक और 2000 की शुरुआत में मुंबई में जब गैंगवार चरम पर था तब प्रदीप शर्मा ने 100 से ज्यादा एनकाउंटर किए. हालांकि उनके कई एनकाउंटर विवादों में भी रहे. 2010 में उन्हें निलंबित कर दिया. प्रदीप शर्मा 1983 बैच के पुलिस अधिकारी हैं. 1999 में प्रदीप शर्मा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर छोटा राजन के साथी विनोद मटकर को एनकाउंटर में मार गिराया था. प्रदीप शर्मा को 2008 में अंडरवर्ल्ड से कथित लिंक होने के कारण सस्पेंड कर दिया गया था. 2009 में उनकी नौकरी में फिर वापसी हुई. 2010 में छोटा राजन के सहयोगी लखन भैया के फर्जी एनकाउंटर मामले में गिरफ्तार किया गया था. चर्चाओं में रहने वाले प्रदीप शर्मा 2019 में शिवसेना से जुड़े और लोकसभा चुनाव का भी लड़ा. हालांकि वह हार गए.

अमिताभ यश

ये यूपी पुलिस के तेजतर्रार अधिकारी हैं. वह यूपी के ADG (लॉ एंड ऑर्डर) हैं. यही नहीं वह यूपी STF के भी चीफ हैं. यूपी पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी 52 वर्षीय अमिताभ यश बिहार के भोजपुर जिले से हैं. 2017 में यूपी में बीजेपी सरकार के आने के बाद से वह यूपी एसटीएफ का नेतृत्व कर रहे हैं. पहले यूपी एसटीएफ के महानिरीक्षक (आईजी) थे और बाद में जनवरी 2021 में पदोन्नति के बाद इसके एडीजी बने. उनका रिकॉर्ड अब तक की गुड़ बुक में काफी शानदाहै. अपने कार्यकाल में उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में चंबल क्षेत्र से डकैतों के विभिन्न गिरोहों को उखाड़ फेंकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें जुलाई 2007 में खूंखार डाकू शिव कुमार पटेल उर्फ ​​’ददुआ’ और अगस्त 2008 में अंबिका पटेल उर्फ ​​’ठोकिया’ शामिल हैं.

अनंत देव

अनंत देव 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वह कानपुर, फैजाबाद के एसएसपी रह चुके हैं. अनंत देव की गिनती यूपी के टॉप पुलिस अधिकारियों में होती है. उनके नाम 60 एनकाउंटर दर्ज हैं. उन्होंने ज्यादातर एनकाउंटर चंबल क्षेत्र में किए. इनमें चंबल के खूंखार अपराधी ददुआ का एनकाउंटर शामिल है. इसी साल वः पुलिस विभाग से रिटायर हो चुके हैं।

राजेश कुमार पांडेय

रिटायर आईपीएस अधिकारी राजेश कुमार 1989 में यूपी पुलिस से जुड़े. उनके नाम 50 एनकाउंटर हैं. वह अलीगढ़ के एसएसपी भी रह चुके हैं. गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला के एनकाउंटर के बाद वह चर्चा में आए थे. राजेश पांडेय यूपी के प्रयागराज के रहने वाले हैं. उन्हें चार बार वीरता पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है.

दया नायक

ये सबसे चर्चित एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं.वह मुंबई पुलिस के टॉप पुलिस अधिकारी हैं. बॉलीवुड फिल्म अब तक 56 उनके जीवन पर ही आधारित थी. दया नायक 1995 में पुलिस सेवा से जुड़े. वह 80 से ज्यादा अपराधियों को ढेर कर चुके हैं. इसी साल जनवरी में उनका प्रमोशन हुआ. उन्हें वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बनाया गया है. दया तीन साल तक ATS में भी रह चुके हैं. वह प्रदीप शर्मा के साथ भी काम कर चुके हैं. दया नायक मूल रूप से कर्नाटक के उड्डपी जिले के रहने वाले हैं.

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