जल, थल और नभ से टिकी हैं MAHAKUMBH 2025 के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें

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महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है. सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से अलर्ट मोड में हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस, कुम्भ मेला पुलिस, एनएसजी, एटीएस, एनडीआरएफ, और अन्य पैरामिलिट्री फोर्सेज ने सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए लगातार मॉक ड्रिल की जा रही है. इन मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य इमरजेंसी के समय में महाकुंभ में शामिल हुए श्रद्धालुओं को बेहतर सुरक्षा मुहैया कराना था. शनिवार को प्रयागराज के बोट क्लब पर एनएसजी, यूपी एटीएस (एंटी-टेररिज्म स्क्वाड), एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स), और जल पुलिस ने एक संयुक्त मॉक ड्रिल की. इस ड्रिल में एक आतंकवादी हमले का सीन क्रिएट किया गया. योजनाबद्ध परिदृश्य में बंधक बनाने के साथ-साथ आतंकवादियों द्वारा किया गया डर्टी बम भी शामिल था

आतंकियों द्वारा बंधक बनाए गए श्रद्धालुओं को

एनएसजी टीमें दो दिशाओं से, SDRF की बोट और सड़क मार्ग से लक्ष्य तक पहुंचीं, बंधकों को मुक्त कराते हुए, बिल्डिंग में सीबीआरएन (केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर) खतरे को बेअसर करने का प्रदर्शन किया. एनएसजी कमांडो ने मॉक ड्रिल के दौरान आतंकियों द्वारा बंधक बनाए गए श्रद्धालुओं को छुड़ाने, बम ब्लास्ट से लोगों को बचाने और एक जिंदा बम को निष्क्रिय करने का प्रदर्शन किया. एनएसजी की टीमें भी महाकुंभ में तैनात रहेंगी. ये टीमें डर्टी बम, फिदायीन हमले और केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर खतरों से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं.

केमिकल अटैक से निपटने की तैयारी

महाकुंभ मेले में केमिकल अटैक की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीमों ने भी मॉक ड्रिल की. इस दौरान आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देने की योजना को परखा गया. एनडीआरएफ की टीमें केमिकल और अन्य खतरों के प्रभाव को कम करने और राहत कार्यों में दक्षता साबित कर रही हैं.

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