रामलला के स्वागत में सजाया गया गाजियाबाद ACP का दफ्तर, एसीपी ने साझा की वीडियो

आज का दिन हर किसी के लिए बेहद ही खास और अहम है। दरअसल, आज अयोध्या में प्रभु श्रीराम आज भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी समेत संत समाज और अति विशिष्ट लोगों की उपस्थिति में रामलला के श्रीविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक अनुष्ठान आज संपन्न होने जा रहा है। इस भव्य आयोजन की वजह से हर जगह दिवाली जैसा माहोल है। इसी क्रम में गाजियाबाद जिले की सरकारी दफ्तरों, पुलिस थानों, चौकियों, मंदिरों और घरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है।

सजाया गया हर दफ्तर

जानकारी के मुताबिक, आज की तारीख में हर जिले के मंदिरों को भी रंगीन लाइटिंग के साथ फूलों से सजाया गया है। मंदिरों में रामधुन बज रही है। इसी क्रम में गाजियाबाद में रात का नजारा अद्भुत लग रहा है। चारों तरफ लाइटिंग की गई है। कुछ सड़कों के डिवाइडर पर लगे बिजली के खंभों पर लाइटिंग की गई है।

एसीपी ने साझा की वीडियो

इसके साथ ही साथ ही शहर के थानों पर रंग-बिरंगी झालर लगाई गई है। गाजियाबाद के थाने और चौकियों को भी बिजली की रंगीन झालरों से सजाया गया है। इनकी तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं। गाजियाबाद के सहायक पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने दफ्तर की वीडियो भी साझा की है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैँ।

UP: पूर्व इंस्पेक्टर पर आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज, जांच में 63.9 प्रतिशत सम्पत्ति ज्यादा

यूपी के सीतापुर में तैनात 112 प्रभारी इंस्पेक्टर राकेश सिंह के खिलाफ गाजीपुर कोतवाली में आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज हुआ है। खबरों की मानें तो जांच में ये बात सामने आई है कि, इंस्पेक्टर राकेश सिंह की आय करीब एक करोड़ 17 हजार रुपये थी। इसके साथ ही इंस्पेक्टर ने एक करेाड़ 63 लाख 37 हजार रुपये व्यय किए हैं। ऐसे में आय से अधिक 63.9 प्रतिशत सम्पत्ति अर्जित की गई है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, गाजीपुर थाने के पूर्व इंस्पेक्टर राकेश सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संगठन संगठन ने शनिवार को थाने में आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज कराया है। वो मूल रूप से गोण्डा के निवासी हैं, वर्तमान समय में इंदिरानगर फरीदीनगर रवींद्र नगर में रहते हैं।

एक दिसंबर 2020 को आय से अधिक सम्पत्ति की जांच निरीक्षक संजय सिंह को सौंपी गई थी। 13 मई 2021 को विवेचना इंस्पेक्टर मृत्युंजय को मिली। जांच अवधि के दौरान राकेश सिंह के अर्जित आय स्त्रोतों के बारे में जानकारी की गई।

इस जांच में करीब एक करोड़ 17 हजार रुपये घोषित आय स्त्रोत से प्राप्त होना पाया गया। वहीं, इस अवधि में इंस्पेक्टर ने एक करोड़ 63 लाख 37 हजार रुपये खर्च किए थे। राकेश ने करीब 63.9 प्रतिशत आय अन्य स्त्रोतों से प्राप्त की। इस रुपये के बारे में उनके पास कोई हिसाब भी नहीं था।

हो सकती है कार्रवाई

मृत्युंजय कुमार की तहरीर पर शनिवार को वर्तमान में सीतापुर डॉयल 112 में तैनात राकेश सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अभी आगे की जांच भी जारी है। खबर है कि इंस्पेक्टर पर आगे की कार्रवाई हो सकती है।

26 जनवरी के बाद फिर होगा UP Police में बड़ा फेरबदल, इन पदों के लिए हो रही अफसरों की रेस

26 जनवरी की तैयारी पूरे देश में शुरू हो गई है। इस तैयारी के साथ-साथ अब यूपी पुलिस में एक बार फिर से बड़े फेरबदल की तैयारी को भी पूरा कर लिया है। सुत्रों की मानें तो इस तबादला लिस्ट में विभाग के मुखिया डीजीपी और एडीजी एलओ के अलावा कुछ जोन के एडीजी, कमिश्रर और पुलिस कप्तानों के कार्यक्षेत्र में फेरबदल किए जाएंगे। होने वाले बदलावों में सबसे अहम डीजीपी और एडीजी एलओ के पदों पर तैनाती के लिए दावेदार अफसरों ने लामबंदी तेज कर दी है।

नहीं लगी किसी के नाम पर मुहर

जानकारी के मुताबिक, खबर ये भी आ रही है कि जिस तरह से लंबे समय से विभाग को कार्यवाहक मुखिया मिला है, ठीक उसी प्रकार से इस बार भी कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती करने का मन बनाए हुए है। अब कार्यवाहक के लिए कौन अफसर उनके लिए सबसे मुफीद होगा इस पर मंथन जारी है।

इस पद के लिए इस बार पीवी रामाशास्त्री, रेणुका मिश्रा, एसएन साबत और प्रशांत कुमार के नाम रेस में शामिल हैं।। इसके अलावा डीजी आनंद कुमार को भी तीन माह के लिए कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाने की चर्चा है। फिलहाल अभी किसी नाम पर मुहर नहीं लगी है।

एडीजी एलओ की कुर्सी के लिए रेस में ये अफसर

वहीं अगर बात करें एडीजी एलओ की कुर्सी की, बहुत से आईपीएस ऐसे हैं, जो इस पद के लिए रेस में हैं। इस लिस्ट में लखनऊ के पुर्व पुलिस कमिश्रर एस.बी शिरडकर, एडीजी स्थापना संजय सिंघल, कानपुर जोन के एडीजी आलोक सिंह, एडीजी रेलवे जेएन सिंह, एडीजी प्रयागराज जोन भानु भास्कर और एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश शामिल हैं।

एटा: फांसी से लटका मिला सिपाही का शव, मौके से सुसाइड नोट भी बरामद

यूपी के एटा जिले में तैनात एक सिपाही का शव सरकारी आास पर फांसी के फंदे से लटका मिला। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस की छानबीन में ये बात सामने आई है कि, सिपाही के कमरे से लैपटॉप और रुपये भी गायब हैं। जिसके बाद अब पुलिस सख्ती से मामले की जांच में जुट गई है। सिपाही के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरनगर के गांव बोर्राखुर्द निवासी आरक्षी अंकित कुमार को 31 मई 2021 को थाना जलेसर में नियुक्ति मिली थी। शुरूआत में कस्बा में किराए के मकान में रहा था। करीब एक वर्ष पहले थाना परिसर में सरकारी आवास मिलने के बाद आरक्षी सुरेंद्र सिंह के साथ रहने लगा था।

हाल ही में सुरेंद्र का ट्रांसफर हो गया था। तबादले के बाद जब शनिवार की दोपहर वो अपने दफ्तर आया तो उसने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। करने के अंदर झांकने पर अंकित फंदे पर लटका मिला। मौके के पुलिस को एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। इसमें लिखा गया है कि किसी को परेशान नहीं किया जाए। पुलिस ने सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया है।

बरामद हुआ सुसाइड नोट

एसएसपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि आरक्षी ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें किसी को परेशान नहीं करने की बात लिखी है। परिजन शाम को आ गए हैं और पोस्टमार्टम के लिए शव को भेजा गया है। पीएम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। जल्दी ही सिपाही की मौत का पर्दाफाश हो जाएगा।

UP DGP की रेस में इन अफसरों का नाम शामिल, जानें इनके बारे में

आगामी 31 जनवरी के दिन यूपी पुलिस के वर्तमान डीजीपी विजय कुमार रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में फिर से एक बार हर किसी को उस पल का इंतजार है, जब प्रदेश पुलिस को नया डीजीपी मिलेगा। इसी क्रम में एक बार फिर से यूपी पुलिस के नए डीजीपी के पद के लिए नामों के कयास लगने लगे हैं। वर्तमान समय में UP के नये कार्यवाहक DGP की रेस में 4 IPS अफ़सरो का नाम ब्यूरोकेसी के गलियारों में चल रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि, इन्हीं में से एक अफसर को ये जिम्मेदारी सौंपी जा सकती हैं। इस लिस्ट में IPS पी. वी. रामशास्त्री, IPS रेणुका मिश्रा, IPS एस. एन. साबत और IPS प्रशांत कुमार का नाम शामिल है। आइए आपको भी इन अफसरों के बारे में बताते हैं।

IPS पी. वी. रामशास्त्री

सबसे पहले बात करते हैं मूल रूप से आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले के निवासी पीवी रामा शास्त्री की, जोकि 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। पीवी रामा शास्त्री पूर्व में जॉइंट सेक्रेटरी, कन्ज्यूमर अ्फेयर्स भारत सरकार में नियुक्त थे। वह भारत सरकार की NIA में बतौर आईजी अपनी सेवाएं दे चुके है। 1997-98 में इलाहाबाद जीआरपी में पुलिस अधीक्षक और 1999-2000 में बलिया जिले में तैनात रहे हैं। पीवी रामा शास्त्री गुजरात पुलिस में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साल 2006 में उन्हें पुलिस डिपार्टमेंट के सर्वोच्च सम्मान पुलिस सर्विस मैडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।

IPS रेणुका मिश्रा

रेणुका मिश्रा 1990 बैच की आईपीएस अफसर हैं। पिछली बार डीजीपी के चुनाव के वक्त सीनियारिटी के क्रम में 1990 बैच की रेणुका मिश्रा 4 सीनियर आईपीएस अधिकारियों से पीछे थी। उन्होंने बीकॉम कॉमर्स, इकोनॉमिक्स और पोस्ट ग्रेजुएशन में एमए पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन से किया है। रेणुका मिश्र को 2005 में डीआईजी, 2010 में आईजी, 2014 में एडीजी और 2021 में डीजी पद पर प्रमोट किया गया था। आईपीएस रेणुका को 26 जनवरी 2023 को डीजी प्लेटिनम प्रशंसा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

IPS एस. एन. साबत

1990 बैच के यूपी कैडर के दबंग पुलिस अफसर एसएन साबत. को कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के जेल महानिदेशक/ महानिरीक्षक की बागडोर सौंपी हैं। 33 साल की ड्यूटी में उनके ऊपर किसी तरह का आरोप नहीं लगा। आईपीएस अफसर एस एन साबत ने अपना पुलिस करियर एएसपी के रूप में वाराणसी जिले से शुरु किया था। बाद में वे अलीगढ़ और अयोध्या में एएसपी रहे। उसके बाद जालौन, मिर्जापुर और वाराणसी में पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर भी तैनात रहे। फिर उन्हें मिर्जापुर, कानपुर और बनारस के पुलिस उप-महानिरीक्षक पद पर कार्य करने का भी मौका मिला। लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक रहते हुए एसएन साबत पुलिस महानिदेशक पद पर प्रोन्नत हुए थे। साल 2006 और फिर 2014 में उन्हें राष्ट्रपति द्वारा विशिष्ट सेवा पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया।

IPS प्रशांत कुमार

प्रशांत कुमार 1990 बैच के अधिकारी हैं। उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। आईपीएस अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने एमएससी, एमफिल और एमबीए भी किया था। वर्तमान समय में एडीजी प्रशांत कुमार प्रदेश कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार को कई बार राष्ट्रपति पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है। प्रदेश के कई जिलों और जोन की कमान संभाल चुके प्रशांत कुमार ने अपराध पर नकेल कसने में काफी सफलता हासिल की है।

Chandauli Police को मिली बड़ी सफलता, एनकाउंटर में बावरिया गिरोह के 8 बदमाश घायल

 

 

यूपी की चंदौली पुलिस को आज एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। इसके अंतर्गत दो अलग-अलग मुठभेड़ों में पुलिस ने 8 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। सभी बदमाशों को पैर में गोली लगी है। घयालों को इलाज के लिए पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खबरों की मानें तो इन्हीं बदमाशों ने कुछ दिनों पूर्व पचफेड़वां में व्यापारी के घर में घुसकर लूट का प्रयास किया था। तभी से पुलिस इनसी तलाश में थी। ये सभी बावरिया गिरोह के सदस्य हैं।

ऐसे हुई मुठभेड़

जानकारी के मुताबिक, पुलिस को ये खबर मिली थी कि बावरिया गिरोह के बदमाश भोजापुर रेलवे क्रासिंग से सकलडीहा रेलवे स्टेशन जाने वाले मार्ग पर देशी शराब की दुकान के पास स्थित बगीचे में मौजूद हैं। इस पर सकलडीहा इंस्पेक्टर ने एसपी को खबर दी। इसके पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने सभी की घेराबंदी के लिए सदर व सैयदराजा पुलिस को मदद के लिए लगा दिया। जब टीम बगीचे के पास पहुंचकर सड़क से बगीचे के लिए अलग- अलग दिशा से पहुंचने के उतर रही थी।

पुलिस की टीम देखकर उसमें से कुछ ने असलहे से हवाई फायरिंग शुरू कर कर दी। जिसके बाद पुलिस को भी जबाबी कार्रवाई में फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें चार बदमाशों को गोली लगी, और वो वहीं गिर पड़े। अंधेरे का फायदा उठाकर वहां से कई बदमाश फरार हो गए। घायल होने वाले बदमाशों में बाबू सिंह काकू, बिजेंद्र, महेंद्र, लालू सभी थाना मिलकिया शाहजहांपुर के रहने वाले थे।

सकलडीहा इलाके में हुई मुठभेड़ की घटना के बाद पुलिस टीम फरार अन्य बदमाशों की तलाश में जुट गई। इस मुठभेड़ के दौरान पुलिस लगातार तलाशी अभियान चला रही थी। जिसके अंतर्गत मुगलसराय-अलीनगर पुलिस की काम्बिंग के दौरान कैली रिंग रोड पर भी पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़ हुई। इस दौरान फिर से बदमाशों ने पुलिस से बचने व भागने की फिराक में फायरिंग झोंक दी। ऐसे में पुलिस को भी अपने बचाव के लिए फायरिंग की। इस मुठभेड़ में भी चार बदमाश घायल हो गए। जबकि दो बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे। घायलों में पर्वत गोसाई, बाबू गोसाई, मोहनपाल, महिपाल सभी शाहजहां निवासी है।

एसपी ने दी जानकारी

एसपी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि चंदौली पुलिस के थाना सकलडीहा और थाना अलीनगर क्षेत्रों में अलग-अलग हुई मुठभेड़ में आठ अपराधी पुलिस की गोली लगने से घायल हुए हैं। ये लोग दिन में रेकी करते थे और रात में दुकानों और घरों में सेंध लगाकर चोरी किया करते थे। हाल ही में इन्होंने अलीपुर के पचपेड़वा में एक घर में सेंध लगाई थी। इन अपराधियों के द्वारा कई अन्य गंभीर वारदातों को अंजाम दिया गया है। अभी इनके विस्तृत आपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है। इसके साथ ही जो भी बदमाश फरार हैं, उनको भी जल्द से जल्द गिरफ्तार किया गया।

चौकी इंचार्ज की कैप पहनकर युवक ने बनाई रील, गाजियाबाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

यूपी पुलिस की वर्दी की अपनी अलग अहमियत है। जब कोई इस वर्दी से खिलवाड़ करता है, तो विभाग उसे सजा अवश्य देता है। मामला गाजियाबाद जिले का है, जहां एक युवक ने चौकी इंचार्ज की टोपी के साथ खिलवाड़ किया। दरअसल, उसने चौकी इंचार्ज की टोपी के साथ एक रील बनाई और उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। वीडियो वायरल होते ही मामले का संज्ञान पुलिस ने लिया। पुलिस ने तत्काल प्रभाव से युवक को गिरफ्तार कर लिया।

ये है मामला

गाजियाबाद के लोनी थाना क्षेत्र स्थित रूपनगर चौकी में आए युवक ने इंस्पेक्टर की टोपी लगाकर इंस्टाग्राम रील बनाई और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, वैसे ही लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए युवक को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने किया गिरफ्तार

जानकारी देते हुए एसीपी लोनी सूर्यबली मौर्य ने बताया कि आरोपी की पहचान लोनी कोतवाली क्षेत्र स्थित प्रकाश विहार कॉलोनी निवासी नितिन सागर के रूप में हुई है। आरोपी युवक रूप नगर चौकी के अंदर गया था। इस दौरान उसने सोशल मीडिया के लिए चौकी इंचार्ज की टोपी लगाकर रील बनाई थी, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल उसे गिरफ्तार कर लिया।

UP में हाईटेक पुलिस के नाम से मशहूर Noida Police को महीनों से नहीं मिल पा रहा रवि काना….

भले ही यूपी की नोएडा पुलिस कितनी ही तेजतर्रार है और बहुत ही फुर्ती के साथ काम करती है। इसके बावजूद आज के समय में एक बदमाश, जो युवती के साथ गैंगरेप का मुख्य आरोपी भी है, वो बीते कई महीनों से पुलिस की गिरफ्त से फरार है। पुलिस लाख कोशिशों के बाजवूद उसे पकड़ नहीं पा रही। हम बात कर रहे हैं, स्क्रैप माफिया और सरिया तस्करी करने वाले रवि काना की, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर 19 जुलाई 2023 को एक युवती के साथ दुष्कर्म किया था। इस वारदात के बाद से वो फरार चल रहा है। अब तक रवि काना और उसके साथियों की करीब 260 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को नोएडा पुलिस के द्वारा जब्त किया गया है, लेकिन अभी तक उसका पता नहीं लग पाया है। उसकी गिरफ्तारी के मामले में अभी तक पुलिस के हाथ खाली ही हैं।

कौन है रवि काना

सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर रवि काना है कौन ? दरअसल, रवि काना हरेंद्र प्रधान दादुपुर का छोटा भाई है। हरेंद्र प्रधान की हत्या वर्ष 2015 में सुंदर भाटी ने कार्रवाई थी। हरेंद्र की हत्या होने के बाद स्क्रैप और सरिया तस्करी का सारा काम रवि काना ने संभाल लिया। हरेंद्र की मौत के बाद रवि काना ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की, जिसके बाद सरकार ने रवि काना को पुलिस सुरक्षा दी।

सुरक्षा मिलने के बाद रवि ने इसका दुरुपयोग किया। रवि काना ने स्क्रैप माफिया और तस्करी के लिए पुलिस सुरक्षा का इस्तेमाल किया था। हालांकि, करीब 6 महीने पहले रवि काना की पुलिस सुरक्षा हटा ली गई। इसके बाद भी रवि काना की हरकतों ने सुधरने का नाम नहीं लिया।

कई महीनों से है फरार

बीती 19 जुलाई 2023 को स्क्रैप माफिया और सरिया तस्करी करने वाले रवि काना ने अपने 4 साथियों के साथ मिलकर नोएडा में एक युवती के साथ गैंगरेप किया था। गैंगरेप के बाद रवि ने करीब 6 महीने तक युवती को ब्लैकमेल किया। गैंगरेप मामले में रवि काना अभी फरार है लेकिन पुलिस इस मामले में सात आरोपियों को जेल भेज चुकी है। इसके साथ ही उसकी पत्नी मधु, सेक्रेटरी कविता झा समेत नौ आरोपी फरार हैं। इतने महीने बीतने के बावजूद पुलिस रवि काना को पकड़ने में असफल है। ऐसे में पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठना भी लाजमी है कि आखिर इतनी हाइटेक होने के बावजूद पुलिस के हाथ अभी तक खाली क्यों हैं ?

गाजियाबाद : सिपाही पिता पर बेटी ने लगाएं गंभीर आरोप, मांगा अपनी मां का हिस्सा

महिला सुरक्षा का दावा करने वाली यूपी पुलिस के कुछ कर्मचारी आए दिन कुछ ना कुछ ऐसा कर देते हैं, जिसकी वजह से पूरे विभाग पर सवाल उठने लगते हैं। ताजा मामला गाजियाबाद जिले का है, जहां यूपी पुलिस में कार्यरत एक सिपाही पर उसकी बेटी ने संगीन आरोप लगाए हैं। बेटी का दावा है कि उसके पिता का दूसरी महिला से पिछले सात साल से चक्कर है, जिसे वह अपनी पत्नी बताते हैं। फिलहाल अभी मामले में किसी पुलिसकर्मी ने कुछ बोला नहीं है। पीड़िता ने मांग की है कि संपत्ति का अधिकार उसकी मां को दिया जाए और पूरा खर्चा दिलाया जाए।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद जिले में तैनात एक सिपाही की बेटी का दावा है कि उसके पिता का दूसरी महिला से पिछले सात साल से चक्कर है, जिसे वह अपनी पत्नी बताते हैं। विरोध करने पर वह मारपीट करते हैं। इस मामले में पुलिस आयुक्त से शिकायत की गई, उनके आधार पर कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके पिता का घर में व्यवहार बुरा है, मां को शराब पीकर पीटते हैं। इसकी वजह एक महिला है, जोकि सात साल से उसके पिता की जिंदगी में है। इसका विरोध तीन साल पहले मां ने किया था, पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस अधिकारियों ने समझाकर वापस भेज दिया था, लेकिन उनका व्यवहार नहीं बदला है।

पिता ने फिर दी धमकी

अब एक बार फिर से पीड़िता ने पुलिस से गुहार लगाई है क्योंकि अब उसके पिता ने धमकी दी है कि वो घर, मकान सब बेच देंगे और परिवार के लोगों को एक-एक रुपये के लिए तरसा देंगे।

अब यूपी के गोंडा में चली तबादला एक्सप्रेस, 48 पुलिसकर्मियों को दी गई थानों पर तैनाती

यूपी में नए साल की शुरुआत से ही पुलिस विभाग में लगातार तबादलों का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में बीती रात गोंडा जिले के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने 48 पुलिस कर्मियों का तबादला किया है‌। इस तबादला लिस्ट के अंतर्गत पुलिस लाइन में तैनात रहे 48 पुलिस कर्मियों को थानों पर तैनाती दी गयी है। सभी को जल्द से जल्द नई जिम्मेदारी संभालने का आदेश जारी हुआ है।

लिस्ट में शामिल इनका नाम

जानकारी के मुताबिक, इस लिस्ट में मुख्य आरक्षी मनोज कुमार यादव को पेशी अपर पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। आरक्षी अंगद कुमार को पुलिस लाइन से कोतवाली नगर, महिला मुख्य आरक्षी संज्ञा भारती को कोतवाली नगर, मुख्य आरक्षी राजेश प्रताप यादव को कोतवाली नगर व अशोक यादव कोतवाली नगर में तैनाती दी गयी है‌।

बंका सिंह, महेश कुमार, सुमित्रा चौहान, विपिन बिहारी पटेल, नरेंद्र यादव, देवानंद वर्मा, दिलीप कुमार, सर्वेश कुमार और रवि प्रकाश यादव को कोतवाली देहात भेजा गया है। आरक्षी विनय कुमार व राकेश सिंह को इटियाथोक, चेतन पांडे व बिजली प्रसाद को खरगूपुर, मुख्य आरक्षी जयमाल, दीपेंद्र प्रताप सिंह, वीरेंद्र कुमार व विजयनाथ यादव को मनकापुर में तैनाती मिली है।

मुख्य आरक्षी उमानाथ यादव को क्षेत्राधिकार कार्यालय लाइन से क्षेत्राधिकारी कार्यालय नगर भेजा गया है। मुख्य आरक्षी प्रदीप कुमार व नितेश यादव को छपिया, हरिओम मद्धेशिया व राज नारायण यादव, सरोज कुमार रावत व प्रमोद कुमार को खोंडारे, दया यादव, सिंपल मौर्या व विजय बहादुर यादव को नवाबगंज तथा अरुण यादव, निखिल राठौर व शुभम मौर्य धानेपुर भेजा गया है।

इनका नाम भी शामिल

धर्मेंद्र यादव व अजय सिंह को तरबग, मंगल सिंह यादव व उपेंद्र कुमार को परसपुर तथा राजू प्रसाद को मोतीगंज भेजा गया है।नितेश कुमार व आदित्य पाल करनैलगंज भेजे गए हैं। सत्येंद्र कुमार व राकेश कुमार यादव कटरा बाजार, संजय कुमार सिंह, राम सुमंत प्रसाद, रणविजय मिश्रा व सुरेश यादव को वजीरगंज में तैनात किया गया है। मुख्य आरक्षी उमानाथ यादव को क्षेत्राधिकार कार्यालय लाइन से क्षेत्राधिकारी कार्यालय नगर भेजा गया है।