Ram Navami 2025: आज रामलला के दर्शन करने लाखों लोग पहुंचेंगे अयोध्या, सुरक्षा के कड़े हैं इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात

आज देशभर में राम नवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस विशेष दिन…

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जब खबर आई कि ‘फैजाबाद डीएम इज नॉट अवेलेबिल’, परिवार में मच गया था हड़कंप

हर कोई 22 जनवरी के दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, क्योंकि 22 जनवरी के दिन ही अयोध्या में बन रहे विशाल राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दिन को सफल बनाने के लिए बाबरी और राम मंदिर विवाद में कई लोगों ने अपनी जानें गंवाईं हैं। आज भी लोग उस दिन को याद करके सिहर जाते हैं, 2 नवंबर, 1990 को उत्तर प्रदेश पुलिस ने राम रथ यात्रा के बाद अयोध्या में नागरिकों पर गोलियां चलाई थीं। इस घटना के बाद राज्य में दंगे हुए थे और अनौपचारिक रूप से 2,000 से ज़्यादा लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई थी। इस दौरान वहां के डीएम आईएएस रामशरण श्रीवास्तव थे। वो आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका परिवार राम मंदिर के निर्माण से काफी खुश है।

छोटे भाई ने सुनाया किस्सा

उनके परिवार ने एक किस्सा भी साझा किया है कि कैसे विवाद के वक्त एक बार उन्हें लगा था, कि उन्होंने इन दंगों में आईएएस रामशरण श्रीवास्तव को खो दिया है। उनके छोटे भाई कृष्ण शरण ने बताया कि, 17 जुलाई 1987 को रामशरण श्रीवास्तव हरदोई के डीएम थे तब प्रदेश सरकार के एक पत्रवाहक ने सूचना दी कि उन्हें फैजाबाद का डीएम बनाया गया है। दो दिन बाद 19 जुलाई को फैजाबाद जाकर पदभार ग्रहण करने का आदेश था। पहुंचते ही वहां की स्थितियां समझ में आ गईं। यह बहुत कठिन कार्यकाल होने जा रहा था। उस समय राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद दिन पर दिन उग्र होता जा रहा था।

एक खबर से हिल गया था परिवार

इसी बीच दिन आया 2 नवंबर 1990 का, जब अयोध्या की गलियों में लगातार गोलियां चल रहीं थीं। चारों तरफ सिर्फ चीख-पुकार की आवाजें आ रहीं थीं। इसी बीच बीबीसी अंग्रेजी से ये खबर सामने आई कि फैजाबाद डीएम इज नॉट अवेलेबिल। यानी कि फैजाबाद के डीएम उपलब्ध नहीं हैं ये खबर सुनते ही उनके परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। ये खबर लगते ही कृष्ण शरण हमीरपुर के लिए निकल गए क्योंकि वहां उनके रिश्तेदार के यहां टेलीफोन लगा था। जब फोन के जरिए उनकी बात डीएम रामशरण श्रीवास्तव से हुई। तब जाकर उनकी सांस में सांस आई।

लोग करते हैं याद

आईएएस रामशरण श्रीवास्तव भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आज भी उनके द्वारा किए गए कामों की वजह से उन्हें याद किया जाता है। वो अपने गांव के लिए लगातार काम करते रहे। उन्होंने बुंदेलखंड क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इंटरमीडिएट और डिग्री कॉलेज की स्थापना में बड़ा सहयोग किया। वह श्री चित्रगुप्त पूजन समिति के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के अलावा कई कायस्थ समितियों के सक्रिय संरक्षक रहे।

अयोध्या में ड्यूटी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे पुलिसकर्मी, DG कानून व्यवस्था ने जारी किया सख्त आदेश

हर किसी के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद खास है। इस दिन अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा बड़े ही धूमधाम से की जायेगी। इसके लिए कई दिग्गजों को निमंत्रण भेजा गया है। 22 जनवरी के दिन अयोध्या में भारी तादाद में लोग भी पहुंचेंगे। ऐसे में कानून व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस विभाग के कंधों पर भरी जिम्मेदारी है। इसी जिम्मेदारी के चलते अब उत्तर प्रदेश के डीजी ने वहां तैनात पुलिसकर्मियों को सख्त आदेश जारी किया है। उन्होंने साफ शब्दों में ये कहा है कि अयोध्या में ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

डीजी कानून व्यवस्था ने जारी किया आदेश

जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था संभालते वक्त किसी पुलिसकर्मी के द्वारा सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक न हो इसको ध्यान में रखते हुए मोबाइल फोन को न रखने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है। ऐसे ही कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि अनावश्यक तौर पर स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करें। ड्युटी के दौरान बेहद जरूरी काम के लिए फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अफसरों को भी मानना पड़ेगा आदेश

दरअसल, डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की ओर से जारी आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि ज्यादातर यह देखा गया है कि प्रदेश में फील्ड ड्युटी के दौरान ज्यादातर पुलिसकर्मी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। जिसके कारण उनका ध्यान भटक जाता है और वो एकाग्रता के साथ ड्युटी नहीं कर पाते है। इसी वजह से कई बार न चाहते हुए भी कुछ न कुछ घटित हो जाता है। कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की ओर जारी पत्र के मुताबिक इसका पालन पुलिस कमिश्नर, एसएसपी व एसपी को भी करना होगा।