कानपुर के गुजैनी थाना क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पुलिस की तत्परता और जिम्मेदारी भरे रवैये ने एक बुजुर्ग की जान बचा ली। यह घटना सिर्फ एक पुलिस कार्रवाई नहीं, बल्कि मानवता और कर्तव्य के प्रति समर्पण का उदाहरण बन गई है।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, ये मामला उस समय का है, जब गुजैनी निवासी सुशीला देवी ने डॉयल 112 पर कॉल कर बताया कि उनके पति यशपाल आत्महत्या करने जा रहे हैं। उन्होंने कमरे को अंदर से बंद कर लिया है और बार-बार कहने के बावजूद दरवाजा नहीं खोल रहे। सुशीला देवी को आशंका हुई कि उनके पति फांसी लगा सकते हैं, इसलिए उन्होंने तुरंत पुलिस से संपर्क किया।
संदेश मिलते ही पीआरवी 710 की टीम को तत्काल मौके पर रवाना किया गया। इसके साथ ही थाना गुजैनी से उपनिरीक्षक सैय्यद जुबैर और मोहित सिंह भी अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस टीम ने जब देखा कि दरवाजा अंदर से बंद है और कोई जवाब नहीं मिल रहा, तो उन्होंने समय गंवाए बिना लोहे की रॉड से दीवार में जगह बनाई और फिर हाथ डालकर दरवाजे की कुंडी खोली।
हो रही सराहना
जैसे ही दरवाजा खुला, टीम ने देखा कि यशपाल फंदे पर झूल रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने तुरंत उन्हें नीचे उतारा और प्राथमिक उपचार के लिए ले गए। इस पूरी कार्रवाई में न तो कोई देरी हुई और न ही हड़बड़ाहट। सिर्फ नजर आया तो पुलिस की सूझबूझ, मानवता और प्रोफेशनलिज़्म। यूपी पुलिस की इस साहसिक कार्रवाई की पूरे कानपुर में सराहना की जा रही है।