विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में पुलिस बल की मजबूती और सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाने को लेकर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस में 1.56 लाख पदों पर भर्ती की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, 60,200 पुलिस कार्मिकों की नई भर्ती की प्रक्रिया जारी है, और इनका प्रशिक्षण अगले एक महीने में शुरू हो जाएगा। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि सरकार जल्द ही 30,000 और नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है, जिससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी।
गिनाई उपलब्धियां
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि राज्य में एक स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (SSF) का गठन किया गया है, जो मेट्रो और एयरपोर्ट की सुरक्षा में सहयोग प्रदान करेगी। इस फोर्स की छह वाहिनियां बनाई गई हैं, जो अलग-अलग स्थानों पर तैनात होंगी। इसके अतिरिक्त, नशे के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का भी गठन किया गया है।
राज्य सरकार साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए भी गंभीर कदम उठा रही है। इसी क्रम में लखनऊ स्थित साइबर क्राइम मुख्यालय में एक एडवांस साइबर फोरेंसिक लैब स्थापित की गई है। साथ ही, 18 परिक्षेत्रीय थानों पर बेसिक साइबर फोरेंसिक लैब और 57 जिलों में साइबर क्राइम थानों की स्थापना की गई है, जिससे साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।
जीआरपी को बनाया जाएगा मजबूत
इसके अलावा, राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) में 2668 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। डीजीपी मुख्यालय ने सभी पुलिस कमिश्नर और आईजी रेंज को इस संबंध में निर्देश दिए हैं कि वे योग्य पुलिसकर्मियों के नामांकन भेजें। तैनाती प्रक्रिया के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि केवल 47 वर्ष से कम आयु वाले 215 उपनिरीक्षक और 2453 मुख्य आरक्षी एवं आरक्षी ही शामिल हों।
इसके साथ ही बीते पांच वर्षों में दंडित हुए दिव्यांग अथवा महानुभावों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के नामांकन न भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी प्रयासों का उद्देश्य प्रदेश की कानून-व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाना है, ताकि अपराधों पर नियंत्रण हो और नागरिकों को सुरक्षित माहौल मिल सके।