उत्तर प्रदेश में अपराध के खिलाफ छेड़ी गई जंग अब एक नए मुकाम पर पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीते आठ वर्षों में जो सख्त और स्पष्ट नीति अपनाई गई, उसने न सिर्फ अपराधियों में खौफ पैदा किया, बल्कि आम जनता में भरोसे की भावना को और भी मजबूत किया है। जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए राज्य सरकार ने अपराध के हर स्वरूप को जड़ से मिटाने के लिए जो एक्शन प्लान बनाया, वह अब परिणाम देने लगा है। 2017 से 2025 तक प्रदेश में 15,000 से अधिक एनकाउंटर हुए हैं — ये कोई साधारण आंकड़ा नहीं, बल्कि अपराध के खिलाफ एक निर्णायक युद्ध की तस्वीर है।
इन ऑपरेशनों में:
256 कुख्यात अपराधी मारे गए
31,960 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया
10,324 अपराधी घायल हुए
18 पुलिसकर्मी शहीद और 1,754 घायल हुए
मेरठ जोन इस मिशन का सबसे बड़ा ऑपरेशन सेंटर साबित हुआ है, जहां 4,453 एनकाउंटर रिकॉर्ड किए गए। यानी प्रदेश के कुल ऑपरेशनों का लगभग 30 प्रतिशत। इसके अलावा:
गाजियाबाद: 736 एनकाउंटर, 13 अपराधी मारे गए
गौतम बुद्ध नगर: 1,117 एनकाउंटर, 9 मारे गए
आगरा: 458 एनकाउंटर, 7 मारे गए
लखनऊ: 138 एनकाउंटर, 12 मारे गए
गैंगस्टर एक्ट भी हो रही कार्रवाई
सिर्फ एनकाउंटर ही नहीं, अपराधियों की आर्थिक ताकत को भी तोड़ा गया है। गैंगस्टर एक्ट के तहत 79,984 मुकदमे दर्ज किए गए, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के अंतर्गत 930 गिरफ्तारियां हुईं और 142 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त या ध्वस्त की गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश स्पष्ट रहा है — अपराधी या तो जेल में होगा या प्रदेश से बाहर। इस नीति ने कानून व्यवस्था को सशक्त किया है और प्रदेश में आम जनता के मन में सुरक्षा की भावना को और भी गहरा किया है।