रामपुर पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में शुक्रवार देर रात कुख्यात गोतस्कर जुबैर ढेर हो गया। गोरखपुर पुलिस ने उसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। जुबैर नीट की तैयारी कर रहे छात्र दीपक गुप्ता के अपहरण और हत्या का मुख्य आरोपी था और लंबे समय से फरार चल रहा था। मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
कौन है जुबैर
शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला घेर मर्दान खां निवासी जुबैर पिछले आठ साल से गोतस्करी के धंधे में सक्रिय था। पहली बार 2017 में उसकी गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन जमानत पर बाहर आने के बाद उसने अपराध की राह नहीं छोड़ी। सितंबर 2024 में बलरामपुर में पुलिस पर हमला करने के बाद उस पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया था। हाल ही में गोरखपुर में पशु तस्करी के दौरान युवक की हत्या में शामिल होने पर इनाम बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया।
जुबैर पर रामपुर, बलरामपुर और गोरखपुर समेत कई जिलों में कुल 15 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। वह बिहार, बांग्लादेश और नेपाल से गोवंशीय पशुओं की तस्करी का नेटवर्क चला रहा था। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, जमानत पर छूटने के बाद भी उसने अपराध जगत से दूरी नहीं बनाई और लगातार गिरोह के साथ सक्रिय रहा।
जवाबी कार्रवाई में हुआ ढेर
मुठभेड़ के दौरान पुलिस की घेराबंदी में फंसने पर जुबैर ने फायरिंग की, जवाबी कार्रवाई में वह ढेर हो गया। उसके गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। अधिकारियों ने साफ कहा कि जुबैर के नेटवर्क को खत्म करने के लिए अब उसके सहयोगियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।