यूपी में 31 मई को नया डीजीपी मिलेगा या नहीं, इस पर चर्चाएं तेज हैं। मौजूदा डीजीपी प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार की संभावनाओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। सरकार यूपीएससी की सिफारिशों के अनुसार डीजीपी चुनेगी या अपनी नई नियमावली लागू करेगी, यह 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर निर्भर करेगा।
25 मार्च को होगी सुनवाई
आपको बता दें कि प्रदेश में मई 2022 से स्थायी डीजीपी की नियुक्ति नहीं हुई है। तब से अब तक चार अस्थायी डीजीपी बदले जा चुके हैं। वर्तमान में प्रशांत कुमार कार्यवाहक डीजीपी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2024 में यूपीएससी की भूमिका को जारी रखने का निर्देश दिया था, लेकिन यूपी सरकार ने नवंबर 2024 में अपनी नियमावली बना ली थी। ऐसे में अब यदि 25 मार्च की सुनवाई टलती है, तो सरकार अपनी नियमावली के तहत डीजीपी का चयन कर सकती है।
यदि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिलता, तो डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों में से कई या तो रिटायर हो रहे हैं, वीआरएस मांग चुके हैं या केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं।
ये भी हैं उम्मीदवार
डीजी पावर कॉरपोरेशन एमके बशाल, जातिगत समीकरण के कारण संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। इसके अलावा, मई में कुछ अधिकारियों के रिटायरमेंट के बाद एडीजी आनंद स्वरूप डीजी बनने के बाद दावेदारों की सूची में शामिल हो सकते हैं।