उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ सरकार की नीति कितनी कारगर है, इसका अंदाजा मुजफ्फरनगर जिले से लगाया जा सकता है। यहां केवल डेढ़ माह में तीन कुख्यात अपराधी मारे गए। इनमें दो ऐसे थे जिन पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसके अलावा मेरठ जोन की बात करें तो मेरठ जोन में सबसे ज्यादा एनकाउंटर हुए हैं।
मुजफ्फरनगर में तीन मुठभेड़
पहला मामला 19 अगस्त को सामने आया, जब बदमाश सादिक मुठभेड़ में घायल हुआ और इलाज के दौरान 26 सितंबर को मौत हो गई। इसके बाद 29 सितंबर को पुलिस ने नईम कुरैशी को मार गिराया, जिस पर हत्या और लूट के 30 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। ताजा घटना 3 अक्टूबर की है, जब मेहताब उर्फ गलकटा पुलिस की गोली से मारा गया। उस पर 18 मुकदमे दर्ज थे।
मेरठ जोन में सबसे ज्यादा एनकाउंटर
राज्य स्तर पर देखें तो मार्च 2017 से अब तक 15,588 मुठभेड़ें हो चुकी हैं। इनमें 251 अपराधी ढेर, 10,000 से ज्यादा घायल और 32,000 गिरफ्तार किए गए। पुलिस ने भी 18 शहीद और करीब 2,000 घायल देकर बड़ी कीमत चुकाई है। मेरठ जोन अपराधियों के खात्मे में सबसे आगे है, जहां 83 बदमाश मारे गए।
आमजन को मिल रही सुरक्षा
विशेषज्ञ मानते हैं कि लगातार हो रही ये मुठभेड़ें अपराधियों के बीच खौफ पैदा कर रही हैं और यह नीति आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो रही है।