लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस को अब पुराने ढर्रे की थकाऊ पीटी ड्रिल से छुटकारा मिलने जा रहा है। सिपाहियों को पहले जिस तरह भारी रायफल के साथ मैदान में परेड और पीटी कराई जाती थी, अब उसकी जगह एक बिल्कुल नया प्रशिक्षण मॉडल शुरू होने वाला है। इस बदलाव की कमान एडीजी प्रशिक्षण नवनीत सिकेरा ने संभाली है, जो पुलिस बल को आधुनिक फिटनेस और कमांडो जैसी फुर्ती देने की तैयारी में जुटे हैं।
आधी सदी पुरानी ड्रिल अब इतिहास बनेगी
साल 1970 से चली आ रही पारंपरिक ड्रिल में जवानों को न केवल कठिनाई झेलनी पड़ती थी बल्कि कई बार गंभीर चोटें भी हो जाती थीं। कई पुलिसकर्मी घुटनों और कमर की चोट के कारण लंबे समय तक परेशानी झेलते रहे। यही वजह रही कि सिकेरा ने प्रशिक्षण निदेशालय के साथ मिलकर स्मार्ट पीटी प्रोग्राम 2025 तैयार किया, जिसे भारतीय खेल प्राधिकरण से स्वीकृति भी मिल गई है।
नए कार्यक्रम में सबसे पहले स्ट्रेचिंग और वार्मअप को अनिवार्य किया गया है। इसके बाद अपर बॉडी, मिडिल बॉडी, लोअर बॉडी और फुल बॉडी एक्सरसाइज को वैज्ञानिक तरीके से जोड़ा गया है। अभ्यास खत्म करने के बाद कूल डाउन सत्र भी होगा ताकि किसी भी प्रकार की इंजरी से बचाव हो सके। दौड़ के प्रशिक्षण में भी अब तकनीकी पहलुओं पर जोर दिया जाएगा।
ट्रेनिंग होगी डिजिटल और स्मार्ट
इस कार्यक्रम की सबसे खास बात है कि हर एक्सरसाइज का क्यूआर कोड तैयार किया गया है। प्रशिक्षु इसे स्कैन कर सही तरीका सीख सकेंगे। इसके लिए हेल्थ कोच नियुक्त किए गए हैं जो जवानों को वर्कआउट के साथ-साथ खानपान और जीवनशैली पर भी मार्गदर्शन देंगे।
नवनीत सिकेरा का कहना है कि उनका मकसद है पुलिस को ऐसा फिट बनाना कि हर जवान किसी कमांडो से कम न लगे। उनका मानना है कि स्मार्ट ट्रेनिंग से चोटें कम होंगी और बल की कार्यक्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।