हाथरस में कथित फर्जी मुठभेड़ के मामले ने पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है। एसपी चिरंजीव नाथ सिंहा ने तत्काल प्रभाव से मुरसान थानाध्यक्ष एसआई ममता और एंटी थैफ्ट टीम प्रभारी निरीक्षक मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया है। दोनों पर कर्तव्य में लापरवाही और मुठभेड़ प्रकरण को लेकर उठे सवालों के बाद कार्रवाई की गई है।
ये है मामला
मामला 10 अक्टूबर का है, जब मुरसान पुलिस ने खाद व्यापारी से लूट की कोशिश के आरोप में ओमवीर उर्फ सोनू और देवा को मुठभेड़ के दौरान पकड़े जाने का दावा किया था। पुलिस का कहना था कि ओमवीर को मुठभेड़ में गोली लगी, लेकिन परिवार वालों का आरोप है कि दोनों को पहले से हिरासत में लेकर झूठी मुठभेड़ दिखाई गई। इसके बाद गांव बढ़ा कलां समेत आसपास के इलाकों में पुलिस के खिलाफ नाराजगी फैल गई। कई राजनीतिक नेता भी परिजनों से मिले और निष्पक्ष जांच की मांग की।
विवाद बढ़ने पर एसपी ने मामले की जांच सीओ सदर और हाथरस गेट थाना प्रभारी को सौंपी। प्रारंभिक जांच में पुलिस टीम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल सामने आए, जिसके बाद दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
कुछ पुलिसकर्मी कर रहे मनमानी
यह घटना दिखाती है कि जहां एक ओर पुलिस ईमानदारी से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, वहीं कुछ अधिकारी अपनी मनमानी से पूरे विभाग की साख पर दाग लगा रहे हैं। हाथरस की इस कार्रवाई को सख्त प्रशासनिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है — कि पुलिस की वर्दी में अनुशासन ही सर्वोपरि है, और जो इससे भटकेगा, उस पर कार्रवाई तय है।