गाजियाबाद पुलिस एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह शर्मनाक है। कविनगर थाना क्षेत्र में तैनात दो सिपाही, सचिन कुमार और राहुल कुमार, डासना जेल में बंद एक कैदी को भगाने की साजिश रचते हुए पकड़े गए हैं। फिलहाल मामले की विस्तृत जांच जारी है और उच्चाधिकारियों द्वारा विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
ये है मामला
जानकारी के अनुसार, दोनों सिपाही बिना किसी अधिकृत आदेश या औपचारिक प्रक्रिया के जेल पहुंचे थे। उनकी योजना थी कि वे अपनी निजी गाड़ी से बंदी बिजेंद्र को पेशी के बहाने बाहर ले जाकर फरार करा देंगे।हालांकि, जेल अधीक्षक को पेशी के दौरान कुछ गतिविधियां संदिग्ध लगीं।
उनकी सतर्कता और समय रहते की गई जांच के चलते इस साजिश का पर्दाफाश हो गया। जांच में स्पष्ट हुआ कि दोनों सिपाही न केवल बंदी बिजेंद्र, बल्कि एक अन्य बंदी वंश कुमार को भी भगाने की तैयारी में थे। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रिजर्व इंस्पेक्टर ने दोनों सिपाहियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। कविनगर थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया है और विभाग की कार्रवाई के तहत दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
उठ रहे सवाल
यह घटना पुलिस विभाग की साख पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। जिस विभाग पर सुरक्षा और न्याय व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है, वहीं के कर्मचारी अगर कानून को तोड़ने में शामिल हों, तो यह स्थिति बेहद चिंताजनक हो जाती है।