गाजियाबाद। एक ओर प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा और सम्मान को लेकर मिशन शक्ति अभियान के जरिए बड़े दावे कर रही है, वहीं गाजियाबाद में तैनात एक दारोगा पर महिला का शारीरिक शोषण, धोखाधड़ी और जबरन गर्भपात कराने का गंभीर आरोप सामने आया है। कोर्ट के आदेश पर लोनी थाने में आरोपी दरोगा जय सिंह निगम के खिलाफ दुष्कर्म, धोखाधड़ी और धमकी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
ये है मामला
पीड़िता का कहना है कि जनवरी 2019 में पड़ोसी से विवाद के मामले में जय सिंह निगम आईओ बनाए गए थे। जांच के नाम पर दरोगा लगातार उसे बुलाता रहा और भरोसा दिलाकर संबंध बनाने लगा।
महिला का आरोप है कि दरोगा ने खुद को अविवाहित बताया और शादी का झांसा देकर कई सालों तक उसका शारीरिक शोषण किया। बाद में दबाव बनाने पर उसने आर्य समाज मंदिर और कोर्ट में शादी कर ली। लेकिन विवाह के बाद महिला को पता चला कि दरोगा पहले से ही शादीशुदा है।
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि गर्भवती होने पर दरोगा ने उस पर गर्भपात का दबाव डाला और उसकी इच्छा के खिलाफ गर्भपात कराया। इतना ही नहीं, जब महिला ने विरोध किया तो दरोगा ने उसके भाई को झूठे मामले में जेल भिजवा दिया और उसे भी फंसाने की धमकी दी।
महिला का दर्द यह भी है कि उसने कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अंततः कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। कोर्ट के आदेश पर अब लोनी थाने में बीएनएस की धारा 173, 376, 420, 312 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
उठ रहे सवाल
यह मामला सिर्फ एक महिला की पीड़ा नहीं, बल्कि प्रदेश पुलिस की छवि पर भी सवाल खड़ा करता है। जिस पुलिस से महिलाएं न्याय और सुरक्षा की उम्मीद करती हैं, वहीं के कुछ वर्दीधारी अगर भरोसा तोड़ते हैं तो मिशन शक्ति जैसे अभियानों की सार्थकता पर प्रश्नचिह्न लग जाता है।