वाराणसी में अब तक कि सबसे बड़ी ठगी का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. साइबर ठगों ने महिला शिक्षक से 3.55 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया था. बड़ी बात ये है कि इस साइबर ठगी को अंजाम साइबर ठगों ने पुलिस अधिकारी बनकर अंजाम दिया. डरकर पीड़िता ने अपना बैंक खाते का डिटेल दे दिया और ठगों ने खाते से तीन करोड़ पचपन लाख रुपये उड़ा लिए. जब महिला शिक्षक को ठगी की आशंका हुई तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इतनी बड़ी ठगी सुनकर वाराणसी पुलिस भी आनन-फानन में सक्रिय हुई और जल्द ही सभी ठगों को गिरफ्तार कर लिया.
कॉल करने वाला अपने आपको
दरअसल, पिछले 8 मार्च को वाराणसी के रथयात्रा पर रहने वाली शिक्षिका शम्पा रक्षित को सुबह नौ बजे एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने उनसे कहा, ‘टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉर्टी से बोल रहा है. दो घंटे में आपका फोन बंद हो जाएगा. आपके पास अभी पुलिस का फोन आएगा. कुछ ही देर बाद एक कॉल आता है और कॉल करने वाला अपने आपको महाराष्ट्र के विरले पार्ले पुलिस इंस्पेक्टर विनय चौबे बताता है. कहता है कि आपका दूसरा फोन आपराधिक गतिविधियों में शामिल है.’ एक के बाद एक मोबाइल फोन पर सवाल पूछे. पूरे परिवार को झांसे में ले लिया. इसी के साथ परिवारवालों से वीडियो कॉल के नाम पर स्काइप ऐप डाउनलोड करवाया और उनके खातों की जानकारी ले ली और तीन करोड़ पचपन लाख की ठगी को अंजाम दे दिया.
वाराणसी पुलिस ने दो टीमें गठित की
वाराणसी एडीसीपी चंद्रकांत मीणा ने बताया, ‘बनारस की सबसे बड़ी साइबर ठगी की जानकारी होने पर पुलिस में हड़कंप मच गया. खुलासा करने के लिए वाराणसी पुलिस ने दो टीमें गठित की. इसके बाद कॉल डिटेल, लोकेशन ट्रेस किया गया. दो ठगों का लोकेशन लखनऊ मिला, जो सगे भाई हैं और दो बड़े बैंकों में अधिकारी रैंक पर हैं. इसके अलावा दो गुर्गे, उनके रिश्तेदार और दो साइबर एक्सपर्ट गुजरात के निवासी हैं. पुलिस ने टीमें भेजकर इन्हें गिरफ्तार किया और पूछताछ में जानकारी मिली कि ये सभी बड़े निजी बैंकों में काम करते हैं और साथ ही साइबर ठगी के गिरोह को संचालित करते हैं. पुलिस ने इनके पास से 63 लाख की नकद बरामद किए और बैंक के खाते से 65 लाख सीज करवाया है.