यूपी पुलिस का एक स्लोगन है… यूपी पुलिस आपकी सेवा में सदैव तत्पर…. इस बात को पुलिस विभाग के जवान लगातार चरितार्थ करते रहते हैं। दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें दो राज्यों की पुलिस ने मिलकर एक बच्चे की जान बता ली। आपको बता दें कि यूपी में हुए एक सुसाइड केस की जांच के दौरान इनपुट मिला था कि कोटा में भी एक छात्र ऐसा कदम उठा सकता है। ये इनपुट यूपी की वाराणसी पुलिस को मिला था। इसके बाद पुलिस ने तत्काल कोटा पुलिस की मदद ली और छात्र की जान बचा ली। इस पूरे मामले में यूपी और कोटा दोनों पुलिस की तत्परता सामने आई।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, वाराणसी पुलिस के साइबर सेल से को हाल ही में एक इनपुट मिला था। ये इनपुट एक बच्चे की आत्महत्या के बाद मिला। आत्महत्या करने वाले बच्चे के मोबाइल से पता चला है कि कुछ सेंटेंस लिखे हैं। उन वाक्यों से पता चल रहा था कि कोटा में भी छात्र आत्महत्या करेगा। बस फिर क्या था, वाराणसी पुलिस ने तत्काल प्रभाव से कोटा पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस जांच में पता लगा कि, वो महाराष्ट्र के नासिक का रहने वाला है और कुछ दिन पहले कोटा आया है।
इस सूचना में सिर्फ उसका नाम, पता लिखा था। स्टूडेंट किस कोचिंग में पड़ता है, कोटा में कहां रहता है, सुसाइड कहां और कैसे करने वाला है, ऐसा कोई इनपुट नहीं था। इस खबर के मिलने के बाद कोटा जिले के एसपी शरद चौधरी खुद फील्ड पर उतरे और उन्होंने अपने 4 एएसपी और डीएसपी को अलग-अलग टीमों में बांटा। सबसे पहले जांच में नाम के आधार पर उसके एडमिशन और कोटा में रहने की जगह पता की। तीन घंटे तक बच्चे का कुछ पता नहीं लगा। ऐसे में पुलिस ने टेक्निकल मदद और अन्य सहायता लेकर उसकी हर गतिविधि को ट्रैक करना शुरू कर दिया।
थोड़ी सी देर पर चली जाती जान
पुलिस का शक ऐसी बिल्डिंग पर गया, जहां उसके होने का अनुमान था। तत्परता दिखाते हए पुलिस की टीम वहां गई और छात्र मिल गया। वह सुसाइड की तैयारी में था। अगर पुलिस थोड़ा सा भी लेट होती, तो उसका तो बच्चे की जान चली जाती। इसके बाद प्रशासन ने उसकी काउंसलिंग की. उसे शनिवार रात भर नजर में रखा गया। ताकि वापस कोई गलत कदम नहीं उठा ले। उसके अभिभावकों को बुलवाकर काउंसलिंग की गई। फिलहाल अभिभावक अपने बेटे को लेकर चले गए हैं। इस पूरे मामले में दो राज्यों की पुलिस की तत्परता की तारीफ की जा रही है।