कभी अंडर द टेबल ली जाने वाली रिश्वत का तरीका भी बदल गया है. भ्रष्ट अफसर अब रिश्वत की रकम को EMI के माध्यम से वसूलने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला बरेली से सामने आया है. विजिलेंस की टीम ने 50 हजार रिश्वत लेते एक दारोगा रामौतार को गिरफ्तार किया है. दारोगा रामौतार EMI पर रिश्वत ले रहा था जब विजिलेंस टीम ने छापा मारकर उसे अरेस्ट किया. दारोगा ने मुकदमे से दंपत्ति का नाम हटाने के नाम पर 5 लाख की रंगदारी मांगी थी. पीड़ित ने दारोगा को किस्तों में रिश्वत लेने को कहा था. जिसके बाद दारोगा रामौतार राजी हो गया था. विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों दरोगा को गिरफ्तार कर FIR दर्ज कराई है. दारोगा प्रेम नगर थाना क्षेत्र में तैनात है.
मुकदमे से नाम निकालने के एवज में
बरेली में हैरान करने वाला मामला सामने आया है, और वह भी रिश्वतखोरी का मामला है. इस मामले में प्रेम नगर थाना क्षेत्र में तैनात दारोगा रामौतार ने EMI पर रिश्वत लेने की हामी भरी थी और पहली किस्त 50000 की पहुंच भी गई थी. दारोगा ने मुकदमे से नाम निकालने के एवज में दो लोगों से पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. जब उक्त लोगों ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई तो दारोगा ने पीड़ितों पर अपनी दरियादिली दिखाई. ईएमआई की तरह किस्तों में रिश्वत तय कर ली. जिसकी शिकायत विजिलेंस से की गई. विजिलेंस की टीम ने रिश्वत की पहली किस्त लेते दरोगा को गिरफ्तार कर लिया.
किस्तों में पांच लाख रुपये की रिश्वत तय
बता दें कि जनपद के किला थाने में दर्ज एक मुकदमे में आरोपी महिला और एक व्यक्ति को निकालने के लिये प्रेमनगर थाने के दरोगा रामौतार ने 5 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी. इस पर व्यक्ति ने इतनी बड़ी रकम एक साथ देने में असमर्थता जताई। उसने दरोगा से किस्तों में रकम लेने का अनुरोध किया. दारोगा ने दरियादिली दिखाते हुए उससे किस्तों में पांच लाख रुपये की रिश्वत तय कर ली. उस व्यक्ति ने एसपी विजिलेंस से लिखित शिकायत की. जांच में आरोप की पुष्टि होने पर विजिलेंस की टीम ने रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 50 हजार रुपये लेते दारोगा को कैंट थाना क्षेत्र के नकटिया में गिरफ्तार कर लिया. आरोपी दरोगा रामौतार नरियावल स्थित एक मकान में किराये पर रहता है. विजिलेंस एसपी अरविंद कुमार ने बताया कि दरोगा ने किस्तों में घूस की रकम देने को कहा था. इस मामले में गिरफ्तार कर और करवाई हुई है.