उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान बढ़ती घटनाओं और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। मेरठ ज़ोन के एडीजी भानु भास्कर के मुताबिक, सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी श्रद्धालु यात्रा के दौरान हथियार या प्रतीकात्मक रूप से भी लाठी, त्रिशूल, हॉकी स्टिक जैसी चीज़ें लेकर नहीं चलेगा।
इन शहरों में प्रभावी हुआ आदेश
ये प्रतिबंध विशेष रूप से मेरठ, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत जैसे प्रमुख ज़िलों में प्रभावी है। पुलिस ने यह कदम हाल की कई हिंसक घटनाओं के बाद उठाया है, जिनमें तीर्थयात्रियों के हिंसक व्यवहार, तोड़फोड़ और मारपीट के मामले सामने आए हैं।
ध्वनि प्रदूषण और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए बिना साइलेंसर वाली मोटरसाइकिलों पर भी रोक लगा दी गई है। मुज़फ्फरनगर में की गई सख्ती के तहत अब तक 24 शोरगुल मचाने वाली बाइकों को जब्त किया गया है और 60 से अधिक बाइक चालकों पर जुर्माना लगाया गया है। पुलिस ने यह भी साफ कर दिया है कि जब तक उचित साइलेंसर नहीं लगाया जाएगा, ऐसे वाहनों को यात्रा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।
इन घटनाओं के बाद लिया गया फैसला
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में मेरठ, गाजियाबाद और हरिद्वार समेत कई स्थानों पर कांवड़ियों द्वारा हिंसा की घटनाएं रिपोर्ट की गईं हैं। मेरठ में दिल्ली से आए एक जत्थे को तलवारें लहराते हुए देखा गया, जबकि मिर्ज़ापुर रेलवे स्टेशन पर टिकट को लेकर हुए विवाद में कांवड़ियों ने सीआरपीएफ के एक जवान की पिटाई कर दी।
हरिद्वार में एक महिला को स्कूटी से हल्का धक्का लगने पर कांवड़ियों द्वारा सार्वजनिक रूप से पीटने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस ने महिला पर हमला करने वालों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
साथ ही, मेरठ में एक स्कूली बस को क्षतिग्रस्त कर दिया गया क्योंकि वह गलती से एक तीर्थयात्री से टकरा गई थी। मुज़फ्फरनगर में एक भोजनालय में प्याज़ परोसे जाने पर तीर्थयात्रियों ने वहाँ तोड़फोड़ कर दी और कर्मचारियों से दुर्व्यवहार किया। इन सब घटनाओं को देखते हुए यूपी पुलिस ने साफ संदेश दिया है: यात्रा में अनुशासन ही प्राथमिकता है, और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।