एक समय था जब समाज में यह धारणा प्रचलित थी कि महिलाएं प्रशासनिक जिम्मेदारियों को उतने प्रभावी ढंग से नहीं निभा सकतीं जितना पुरुष। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। आज महिलाएं न केवल नेतृत्व के क्षेत्र में आगे हैं, बल्कि उन्होंने अपनी काबिलियत से यह साबित भी कर दिया है कि वे हर चुनौती का डटकर सामना कर सकती हैं। इसका ताज़ा उदाहरण उत्तर प्रदेश का हाई-प्रोफाइल जिला गौतमबुद्धनगर (नोएडा) है, जहां अब प्रशासन और पुलिस, दोनों की कमान महिला अधिकारियों के हाथ में है।
कौन हैं नोएडा की नई डीएम
नोएडा को प्रदेश की ‘शो विंडो’ कहा जाता है – न सिर्फ इसके आर्थिक योगदान के लिए, बल्कि इसके आधुनिक विकास और रणनीतिक महत्व के लिए भी। अब इस जिले की जिम्मेदारी दो काबिल महिला अफसर संभाल रही हैं।
आईएएस मेधा रूपम, जो वर्ष 2014 बैच की अधिकारी हैं, हाल ही में नोएडा की नई जिलाधिकारी नियुक्त की गई हैं। वे जिले की पहली महिला डीएम हैं, जिन्हें उनके निर्णय लेने की क्षमता और स्पष्ट प्रशासनिक दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है।
पुलिस कमिश्नर भी हैं दमदार
वहीं, आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह पहले से ही नोएडा पुलिस कमिश्नरेट की कमिश्नर के रूप में कार्यरत हैं। वे प्रदेश की पहली महिला पुलिस कमिश्नर भी हैं, और उनके कार्यकाल में अपराध नियंत्रण को लेकर कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। उनकी सख्ती और संवेदनशीलता के संतुलन ने पुलिसिंग को एक नया आकार दिया है।
अब दिखेगा बदलाव
इन दोनों अधिकारियों की तैनाती केवल प्रशासनिक परिवर्तन नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति बदलते नजरिए का प्रतीक भी है। यह दर्शाता है कि अब नेतृत्व की कसौटी पर महिला-पुरुष का भेदभाव नहीं, बल्कि कार्यकुशलता का मूल्यांकन होता है। अब देखना यह है कि दो सशक्त महिला नेतृत्व के अंतर्गत नोएडा किस तरह प्रगति की नई ऊंचाइयों कोछूता है।