महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस विभाग द्वारा अपनाई जा रही सख्त नीति का एक उदाहरण बलरामपुर जिले से सामने आया है, जहाँ होली के दिन ड्यूटी पर तैनात एक महिला आरक्षी के साथ बिना अनुमति रंग लगाने और अभद्रता करने के आरोप में तीन पुलिसकर्मी गंभीर दोषी पाए गए हैं।
ये है मामला
यह घटना 15 मार्च 2025 की है, जब थाने परिसर में होली के दौरान मुख्य आरक्षी अमित कुमार, आरक्षी पन्नेलाल और आरक्षी शैलेंद्र कुमार ने महिला आरक्षी द्वारा स्पष्ट मना करने के बावजूद जबरन रंग लगाया और आपत्तिजनक व्यवहार किया।
महिला कर्मी ने घटना की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की, जिसके बाद पूरे मामले की जांच विशाखा कमेटी को सौंपी गई। कमेटी ने गहन जांच में पाया कि महिला आरक्षी की सहमति की अनदेखी की गई और पुलिसकर्मियों ने अनुशासनहीनता तथा पुलिस आचरण का उल्लंघन किया है। रिपोर्ट में तीनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई।
एडीजी ने दिए थे निर्देश
विशाखा कमेटी की रिपोर्ट प्राप्त होते ही एडीजी जोन मुथा अशोक जैन ने मामले को अत्यंत गंभीर मानते हुए तुरंत कार्रवाई के निर्देश जारी किए। उनके निर्देश पर तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है। इसके साथ ही बलरामपुर पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने उन्हें निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। धारा 14(1) के अंतर्गत बर्खास्तगी प्रक्रिया भी आगे बढ़ा दी गई है, जिसके कारण तीनों पर नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है।
एडीजी ने जोन के सभी पुलिस अधिकारियों और थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि महिला अपराधों के मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति का पालन हर हाल में किया जाए। इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि पुलिस विभाग महिला कर्मियों की सुरक्षा और सम्मान को लेकर किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा।