राम नगरी अयोध्या में अभेद सुरक्षा तंत्र को एआइ (आर्टीफीशियल इंटीलिजेंस) की मदद से और मजबूत कर दिया गया है। प्राण प्रतिष्ठा स्थल से लेकर अयोध्या के हर मंदिर में तैनात पुलिस बल के अलावा एआइ से भी अपराधियों पर नजर रखी जा रही है। सीसीटीवी कैमरों में अपराधियों का चेहरा कैद होते ही एआइ की मदद से कंट्रोल रूम में एलर्ट चला जाएगा कि संबंधित स्थल पर एक अपराधी या संदिग्ध व्यक्ति घूम रहा है। एयरपोर्ट से लेकर पूरी अयोध्या में इस प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था पुलिस ने की।
चोरी के वाहन चलाने वालों की खैर नहीं
पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी विजय कुमार ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस तकनीकी के साथ अपराध पर नियंत्रण कर रही है। अब प्रदेश की सड़कों पर नंबर प्लेट बदलकर चोरी के वाहन चलाने वालों की खैर नहीं है। पुलिस ने सभी राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों सहित प्रमुख जिला मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को एआइ से जोड़ा जा रहा है। अभी इसका प्रयोग किया जा रहा है। इससे नंबर प्लेट बदलकर चोरी के वाहन चलाने वालों की आसानी से पहचान हो जाएगी और पुलिस उन्हें पकड़ लेगी।
रामबाण साबित होगा CAPP पोर्टल
डीजीपी ने बताया कि पुलिस द्वारा विकसित किया गया क्राइम एनालिटिक्स एंड प्रिडिक्टिव पुलिसिंग (सीएपीपी) पोर्टल अपराध पर नियंत्रण के लिए रामबाण साबित होगा। इसकी मदद से पूर्व की घटनाओं का सही आंकलन करके घटनास्थल व अपराधों के बारे में पुलिस को सटीक जानकारी मिल सकेगी। गूगल मैप के जरिए पूर्व की घटनाओं के घटनास्थल तक पहुंचा जा सकेगा। एक घटना वाले स्थल को लाल, एक से 10 वाले को पीला और 10 से ज्यादा घटनाओं वाले स्थलों को गूगल मैप पर नारंगी रंगों में दिखाया जाएगा। पोर्टल के माध्यम से थाना स्तर तक पुलिस मौसम के हिसाब से भी होने वाले अपराधों के बारे में जानकारी हासिल कर सकेगी। गर्मियों और सर्दियों, रात-दिन में कहां-कहां पर ज्यादा अपराध होते हैं उसकी जानकारी मिलेगी।
उपलब्ध आंकड़ों से किया जा सकेगा
चंद्रमा की बदलती अवस्था व अमावस्या जैसी विशेष तिथियों में भी जिलों पर कहां-कहां पर ज्यादा अपराध होते हैं उनका अध्ययन पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों से किया जा सकेगा। पोर्टल पर डकैती,लूट,गृहभेदन, चोरी, पाक्सो,महिला संबंधी अपराध, गोकशी व गौतस्करी से जुड़े अपराधों के जिला वार ट्रेंड निकाले गए हैं। इनका अध्ययन कर पुलिस संबंधित स्थानों पर गश्त बढ़ाने से लेकर सीसीटीवी कैमरे लगा कर अपराध नियंत्रण कर सकेगी। पोर्टल व सीसीटीएनएस से आंकड़ों को लेकर अपडेट किया गया है।