बरेली में आईएमसी (इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने में सीओ प्रथम की टीम भी नाकाम रही। इस पर एडीजी फास्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए एसएसपी को गिरफ्तारी की जिम्मेदारी सौंपी है। डीएम को जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। अगली तारीख 19 मार्च तय की है।
तौकीर रजा के घर पुहंची पुलिस
इंस्पेक्टर ने कोर्ट का समन तौकीर रजा को तामील नहीं करवाया, जिस वजह से कोर्ट ने इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्यवाही के आदेश दिए और सीओ सिटी संदीप सिंह को 13 मार्च को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने तौकीर रजा को 2010 दंगे का मुख्य आरोपी मानते हुए स्वत संज्ञान लेते हुए समन जारी किया था. 11 मार्च को तौकीर को कोर्ट में पेश होना था. पुलिस समन लेकर तौकीर के घर कई बार पहुंची लेकिन समन तामील नहीं करवा सकी.
जब तौकीर रजा को जेल से करना पड़ा रिहा
तौकीर रजा आईएमसी के प्रमुख हैं और हमेशा जहर उगलने का काम करते हैं. 2010 में बरेली में तौकीर रजा के भड़काऊ भाषण के बाद दंगाइयों ने पूरे शहर में जमकर तांडव किया था. दंगाइयों ने पेट्रोल पंप और पुलिस चौकी को भी फूंक दिया था. जिसके बाद तौकीर रजा समेत 300 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. उस वक्त तौकीर रजा को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था, लेकिन एक रात के बाद ही तौकीर को राजनीतिक दबाव के चलते जेल से रिहा कर दिया गया था.
पुलिस रजा को गिरफ्तार नहीं कर सकी
तौकीर रजा कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सुप्रीम कोर्ट और संविधान के खिलाफ जहर उगल चुके हैं, लेकिन आज तक पुलिस तौकीर रजा को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. हाल ही में ज्ञानवापी को लेकर तौकीर रजा ने जेल भरो आंदोलन किया था, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए थे. आंदोलन में आए लोग जैसे ही शाहमतगंज बाजार पहुंचे तो उन लोगो ने पथराव शुरू कर दिया था.