शाहजहांपुर में पुलिस की कार्यप्रणाली और तत्परता को परखने के लिए सोमवार की रात एसपी राजेश द्विवेदी अचानक निरीक्षण पर निकल पड़े। उनका उद्देश्य विभिन्न थानों की पुलिस टीमों के रिस्पांस टाइम और तैयारियों को वास्तविक परिस्थितियों में आंकना था। इसके लिए उन्होंने रात करीब नौ बजे सदर, चौक कोतवाली, रोजा और आरसी मिशन थानों के पुलिसकर्मियों को खिरनीबाग चौराहे पर निर्धारित समय में पहुंचने के निर्देश जारी किए।
मौके से जुटने लगी टीमें
एसपी के निर्देश मिलते ही थानों से टीमें मौके पर जुटने लगीं, लेकिन उनके पहुंचने का तरीका और तैयारी उम्मीदों के विपरीत दिखाई दी। अधिकांश पुलिसकर्मी आधी-अधूरी वर्दी और सुरक्षा उपकरणों की कमी के साथ पहुंचे। कुछ के पास हेलमेट नहीं थे, तो कई बिना बॉडी प्रोटेक्टर के ही मौके पर आ गए।
स्थिति देखकर एसपी ने तुरंत सभी कर्मचारियों को लाइन में खड़ा कराया और एक-एक कर उनकी तैयारी की जांच की। निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि सुरक्षा मानकों को लेकर पर्याप्त सतर्कता नहीं बरती गई थी। इसी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एसपी ने थाना प्रभारियों को कड़ी चेतावनी दी कि किसी भी इमरजेंसी स्थिति में पुलिस की पहली जिम्मेदारी अपनी पूर्ण तैयारी के साथ मौके पर पहुंचना है, इसलिए भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निरीक्षण के बाद एसपी ने सभी पुलिसकर्मियों को साथ लेकर शहर के विभिन्न इलाकों में रूट मार्च भी किया। इस दौरान संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी ली गई और रात के समय सक्रिय रहने वाले असामाजिक तत्वों की निगरानी बढ़ाई गई। उन्होंने बताया कि रूट मार्च का उद्देश्य न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना है, बल्कि लोगों में पुलिस की सक्रियता का संदेश देना भी है।
एसपी ने कहा ये
एसपी राजेश द्विवेदी ने पूरे अभियान के अंत में दोहराया कि पुलिस की तैनाती सिर्फ मौजूदगी भर नहीं, बल्कि पूर्ण तैयारी, अनुशासन और तेजी के साथ होनी चाहिए। उनका कहना था कि आगे भी इस तरह के निरीक्षण लगातार किए जाएंगे ताकि पुलिस की प्रतिक्रिया क्षमता और पेशेवर दक्षता और मजबूत हो सके।