नोएडा जिले में सड़क हादसों को रोकने और हादसे के समय घायल की जान बचाने के लिए पुलिस कमिश्नरेट ने नौ थानों में विशेष क्रिटिकल कॉरिडोर टीम बनाई है। प्रत्येक टीम का नेतृत्व एक उप निरीक्षक करेंगे और उनके साथ चार सिपाही तैनात रहेंगे। इन टीमों का मुख्य उद्देश्य थाना क्षेत्र में हादसे होने वाली जगहों की पहचान करना, कारणों का विश्लेषण करना और आवश्यक सड़क सुधार या अन्य उपाय कराना है।
पुलिस कमिश्नर ने दी जानकारी
जानकारी के मुताबिक, यदि किसी इलाके में हादसा होता है, तो टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर प्राथमिक जांच करेगी और घायल को तुरंत इलाज दिलाने का प्रयास करेगी। इसके अलावा टीम हादसे का पूरा विवरण तैयार कर थाना प्रशासन को रिपोर्ट करेगी। डीसीपी ट्रैफिक डॉ. प्रवीण रंजन सिंह ने बताया कि भविष्य में अन्य विषयों पर भी प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि प्रदेश में जीरो फैटेलिटी डिस्ट्रिक्ट (जेडएफडी) कार्यक्रम के तहत 20 जिलों का चयन किया गया है, जिसमें गौतमबुद्ध नगर भी शामिल है। जिले में पिछले वर्षों के हादसों के अध्ययन से पता चला कि शहर की सड़कों पर होने वाले 50 प्रतिशत से ज्यादा हादसों का मुख्य कारण तेज रफ्तार वाहन रहे हैं। कमिश्नरेट का लक्ष्य इन हादसों और उनमें होने वाली मौतों को कम करना है।
पहला सत्र हुआ आयोजित
विशेष रूप से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और लालकुआं बॉर्डर से लुहारली टोल तक के हिस्सों को क्रिटिकल क्षेत्र घोषित किया गया है। इन टीमों का पहला प्रशिक्षण सत्र सेक्टर-108 पुलिस कमिश्नर सभागार में आयोजित हुआ। प्रशिक्षण में जीवन रक्षा कौशल, घायल को तुरंत अस्पताल पहुंचाने और अन्य जरूरी उपायों की जानकारी फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने दी।