Smart Policing
अब सड़क हादसों में घायलों की मरहम-पट्टी करते दिखेंगे गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के पुलिसकर्मी, दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण

सड़क पर दुर्घटना व चोट चपेट का शिकार होने के बाद घायल हमेंशा से डॉक्टर के पास या फिर अस्पताल का रूख करता है। लेकिन कई बार दुर्घटना के दौरान घायल जाने में असमर्थ होता है। जिससे उसे समय रहते कई बार प्राथमिकी उपचार नहीं मिल पाता, लेकिन गाजियाबाद जिले में सड़क सुरक्षा व यातायात अभियान के तहत एक खास पहल की जा रही है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग जिले में तैनात यातायात पुलिस के सिपाही, उप निरीक्षक व निरीक्षकों को शहर की सड़क व चौराहों पर पुलिसकर्मी हादसों में घायलों की मरहम-पट्टी करना सिखाएंगे। इसे लेकर पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देने की भी तैयारी की गई है। जल्द ही पुलिस के उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर प्रशिक्षण शिविर की तिथि तय की जाएगी।
रोज होती हैं मौतें
जिले में रोज 20 से अधिक छोटे-बड़े सड़क हादसों में एक-दो लोग की मौत होती है और 5 से अधिक घायल होते हैं। कुल 16 ब्लैक स्पाट सूचीबद्ध हैं। पुलिसकर्मियों को दिए गए प्रशिक्षण के बाद जिले में ब्लैक स्पाट चिह्नित करके वहां पुलिसकर्मियों को इमरजेंसी किट के साथ तैनात किया जाएगा। सड़क किनारे स्थापित पुलिस चौकी, पुलिस पिकेट व थानों में मेडिकल हेल्प डेस्क खोलने की योजना है
यहां मिलेगी 24 घंटे इलाज की सेवा
इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में संचालित शहरी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र पर जल्द ही मरीजों एवं घायलों को 24 घंटे इलाज की सुविधा मुहैय्या कराई जाएगी। विभाग इस केंद्र पर शिफ्टों में चिकित्सक एवं स्टाफ की नियुक्ति करने की तैयारी कर रहा है।
आखिर क्यों जरूरी है प्रशिक्षण
जिला सर्विलांस अधिकारी डा.आरके गुप्ता द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कई बार समय रहते प्राथमिक इलाज न मिल पाने के कारण सड़क हादसों में घायल लोगों की मौत तक हो जाती है। क्योंकि घायलों की मौत हल्की चोट लगने पर ज्यादा खून बहने,समय पर इलाज न मिलने के कारण ज्यादा दर्ज की गई है। ऐसे में किसी भी घटना के होने पर पुलिस की सबसे पहले पहुंचती है। जिसके लिए पुलिस को प्रशिक्षत कर प्राथमिक उपचार की जानकारी देना सबसे जरूरी है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल आफिसर एवं फिजिशियन पुलिसकर्मियों को प्राथमिक इलाज के लिए प्रशिक्षण देना बेहद जरूरी है।
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