Smart Policing
एक वर्दी वाला ऐसा भी : पुलिसकर्मी ने वृद्धा को खिलाया अपने हाथ से निवाला.... दुआओं में छलका दर्द

यूं तो अक्सर आम लोगों को पुलिसकर्मियों की कार्यशैली को सवालिया घेरे में लाते कई बार देखा होगा। लेकिन हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं। जी हां अपराधियों के पीछे भागने वाली पुलिस कई बार अपनी ड्यूटी के दौरान मानवीय कार्य करते देखे गए हैं। ऐसे में कभी किसी गरीब की बेटी का कन्यादान तो कभी किसी बेसहारा बुजुर्ग की लाठी का सहारा बनकर यह खाकीधारी हमेशा से ही सुर्खियों में बने रहते हैं। और करारा जवाब देते हैं। उन लोगों को जो कहते हैं कि पुलिसकर्मी हमेशा लोगों पर लाठी बजाने का ही काम करते हैं। इस सब से परे यह कहना गलत ना होगा की खाकी के सीने में भी दिल होता है, दया होती है, वर्दीधारी भी कई बार मददगार बनकर आगे आई है। ऐसा ही कुछ कानपुर के बिधनू हाईवे के किनारे देखने को मिला। जब तेज धूप में जमीन पर एक वृद्धा भूख और धूप से व्याकुल होकर तड़प रही थी। मौके पर उसके आस-पास से कई लोग गुजरे। लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली। इसी बीच वहां से गुजर रहे बिधनू थाने के SI हरेंद्र सिंह की नजर उस वृद्धा पर जा पड़ी। उन्होंने अपनी बाइक रोकी और वृद्धा को गोद में उठाकर एक छप्पर की छांव के नीचे ले गए।
वृद्धा के लफ्जों में दर्द भरा
भूख प्यास से बैचेन वृद्धा को एसआई ने पानी पिलाकर पास के ही ढाबे से दाल-रोटी मंगावाई। रोटी का निवाला खाते-खाते वह वृद्धा रोने लगीं, जिसे देख एसआई हरेंद्र ने उन्हें अपने हाथों से निवाला खिलाया। 75 साल की वृद्धा ने अपनी दबी हुई आवाज में एसआई को दुआएं दी, वृद्धा के लफ्जों में दर्द भरा हुआ था। कुछ देर बाद वृद्धा ने एसआई को अपने बारे में बताया। कि उसका नाम कुदसिया है और वह बशीरगंज बकरमंडी थाना बजरिया क्षेत्र की रहने वाली है। यह सुन पुलिसकर्मी हैरान हो गए, क्योंकि जिस जगह वह खड़े थे वहां से कुदसिया का घर करीब 20 किलोमीटर था। उसका यहां अकेले पहुंचना असंभव था। एसआई को वृद्धा ने कहा कि उसका पति फैमुद्दीन का 5 साल पहले देहांत हो गया। कोई संतान न होने से मकान के एक कमरे में वह अकेले रहती हैं। पारिवारिक सदस्य खाना खिला देते हैं।
सोमवार से ही लापता थी वृद्धा
एसआई ने बजरिया थाने में संपर्क कर वृद्धा के बताए पते की जानकारी करवाई। पते की पुष्टि होने पर महिला सिपाहियों के साथ वृद्धा को उसके घर पहुंचाया गया। पड़ोस में रहने वाले पारिवारिक पोते अर्सलान मिसबाहुद्दीन अहमद की देखरेख में वृद्धा को पुलिस ने सौंपा। वहीं पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि वह सोमवार की देर शाम से ही अचानक लापता हो गईं थी। लोगों ने सोचा वह आसपास ही कहीं होंगी, इसलिए उन्हें खोजा नहीं गया। वृद्धा 20 किमी दूर कैसे पहुंचीं यह कोई नहीं बता सका।
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