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सहारनपुर: दारोगा के लिए मुसीबत बनी केस डायरी, कोर्ट ने केस दर्ज करने का दिया आदेश, 50 हजार न देने पर बुजुर्ग को भेजा था जेल

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर (Saharanpur) जनपद में एक दारोगा (Sub Inspector) के खिलाफ हाईकोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश (High Court Order to Register Case) दिया है। दारोगा पर पैसों की खातिर एक बुजुर्ग को जबरदस्त जेल में बंद करने का आरोप है। बुजुर्ग शख्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उससे एक हजार रुपए लिए गए थे। इसके बाद 50 हजार रुपए की मांग पूरी न करने पर जेल भेज दिया गया था। इस मामले में दारोगा की लिखी हुई केस डायरी (Case Diary of Sub Inspector ही उनके लिए मुसीबत बन गई है।
50 हजार नहीं देने पर भेजा जेल
मिली जानकारी के अनुसार, कुतुबशेर थाने (Kutubsher Police Station) में साल 2020 में सलीम, रईस, पप्पू व मन्नू ने साल 2020 में 73 साल के नूर अहमद के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और कूट रचना का एक मामला दर्ज कराया था। इस मामले में नूर अहमद ने हाईकोर्ट जाकर स्टे ऑर्डर हासिल कर लिया था। वहीं, मामले की विवेचना दारोगा अशोक यादव (Sub Inspector Ashok Yadav) कर रहे थे। आरोप है कि विवेचना के दौरान दारोगा ने नूर मोहम्मद से 1 लाख रुपए और 50 हजार रुपए और मांगे थे। पैसे नहीं मिलने पर दारोगा ने नूर मोहम्मद को जेल भेज दिया था।
नूर मोहम्मद ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जमानत प्रार्थना पत्र
इस मामले में वकील फरीद अहमद ने बताया कि नूर अहमद के खिलाफ एक मुकदमे की विवेचना दारोगा अशोक यादव कर रहे थे। गिरफ्तारी से बचने के लिए नूर अहमद ने हाईकोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। हाईकोर्ट ने 23 मार्च 2021 को वादी के खिलाफ प्रपीडात्मक कार्रवाई न करने का आदेश पारित किया। विवेचक ने वादी को 50-50 हजार रुपए के दो जमानतियों व एक लाख रुपए सरकारी खजाने में जमा करने की बात की। वादी ने दो जमानतियों व एक लाख रुपए विवेचक को दिए।
दारोगा समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग
पीड़ित नूर अहमद के अनुसार, विवेचक दारोगा अशोक यादव ने उनसे 50 हजार रुपए मांग थे और नहीं देने पर उन्हें जेल भेज दिया। हाईकोर्ट के रोक लगाने पर नूर अहमद को रिहा किया गया। इसके बाद में नूर अहमद ने 28 जून 2021 को कोर्ट में 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर विवेचक अशोक यादव और चार अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराने की मांग की।
केस डायरी बनी दारोगा के लिए मुसीबत
हाईकोर्ट ने वादी नूर अहमद का पक्ष सुनने के लिए थाने से रिपोर्ट मंगवाई। पुलिस ने अपने कर्मचारी की रिपोर्ट भेजी, जिसमें कहा गया कि दारोगा अशोक यादव को झूठा फंसाने के लिए नूर अहमद ने कहानी बनाई है। हाई कोर्ट के आदेश की कोई प्रति नूर अहमद ने अशोक यादव या पुलिस कोर्ट के सामने झूठला नहीं सकी। केस डायरी में यही एंट्री दरोगा अशोक यादव के लिए मुसीबत बन गई। सीजेएम अनिल कुमार की कोर्ट ने अशोक यादव व अन्य चार के विरुद्ध थाना कुतुबशेर को सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए हैं।
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