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बिकरू कांड में डीआईजी अनंतदेव तिवारी के बाद इन अधिकारीयों पर जल्द ही गिर सकती है गाज

बिकरू कांड की जांच करने वाली एसआइटी ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी है। एसआईटी की रिपोर्ट में बिकरू कांड से जुड़़े कई चौकाने वाले तथ्य सामने आ सकते है। प्रदेश सरकार बिकरू कांड मामले में एक बार फिर से ऐक्शन मोड में आ गई है। गुरूवार को योगी सरकार ने तत्कालीन डीआईजी रहे अनंतदेव तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। बिकरू कांड के बाद अंनतदेव तिवारी को डीआईजी एसटीएफ से हटाकर पीएसी मुरादाबाद भेजा गया था। वहीं बिकरू कांड के वक्त रहे तत्कालीन एसएसपी रहे दिनेश कुमार पी को नोटिस भेजा गया है।
विकास दुबे की संबंधों का जिक्र
बिकरू हत्याकांड के बाद विकास दुबे के खजांची रहे जय वाजपेई की फोटो सोशल मीडिया पर तत्कालीन डीआईजी अंनतदेव तिवारी के साथ वायरल हुई थी। इसके साथ ही शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की एक चिट्ठी वायरल हुई थी। जिसमें शहीद सीओ ने तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और विकास दुबे की संबंधों का जिक्र किया गया था। लेकिन तत्कालीन डीआईजी तत्कालीन चौबेपुर एसओ पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की थी। इसके बाद से तत्कालीन डीआईजी की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे।
देवेंद्र मिश्रा के कई ऑडियो हुए थे वायरल
बिकरू कांड के बाद शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के कई ऑडियो वायरल हुए थे। जिसमें शहीद सीओ यह कहते हुए सुने गए थे कि चौबेपुर एसओ विनय तिवारी डीआईजी की कृपा से क्षेत्र में खूब मनमानी कर रहा है और विकास दुबे समेत उसके गुर्गो को सरंक्षण दे रहा है। एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट में कई आईपीएस, सीओ और पुलिसकर्मियों का जिक्र किया है।
पुलिस विभाग के कई अफसर रेडार पर
सूत्रों के मुताबिक एसआइटी रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस विभाग के कुछ ऐसे अधिकारी है जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की मदद कर रहे थे। इसके साथ ही बीते 15 वर्षो में बिकरू क्षेत्र में तैनात रहे सीओ, एडिशनल एसपी, थानेदार, चौकी इंचार्जो पर भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
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