श्रावण मास की कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बाद पुलिस प्रशासन ने महिला केंद्रित सुरक्षा मॉडल को सख्ती से लागू किया है।
इतनी पुलिसकर्मी होंगी तैनात
इस अभियान के तहत पूरे प्रदेश में करीब 10,000 महिला पुलिसकर्मियों को कांवड़ ड्यूटी में लगाया गया है। इनमें 8,541 महिला मुख्य आरक्षी और 1,486 महिला उपनिरीक्षक शामिल हैं। कुल मिलाकर पूरे प्रदेश में कांवड़ यात्रा की निगरानी के लिए 66,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, जिनमें लगभग 15% महिलाएं हैं।
राज्य सरकार को इस बार यात्रा में करीब छह करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिनमें 60 से 70 लाख तक महिला श्रद्धालु शामिल हो सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हर कांवड़ मार्ग पर विशेष महिला हेल्प डेस्क, शक्ति हेल्प बूथ और महिला स्वयंसेवी संस्थाओं की सहभागिता से व्यवस्थाएं की गई हैं।
रात के समय में गश्त के लिए चलने वाली क्यूआरटी टीमों में महिला पुलिस की तैनाती अनिवार्य कर दी गई है। ड्रोन कैमरे, सीसीटीवी नेटवर्क और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग से निगरानी को डिजिटल रूप में भी मजबूत किया गया है।
प्रदेश को बांटा गया 11 जोन में
प्रदेश को 11 जोन में बांटा गया है, जिनमें सबसे अधिक सुरक्षा इंतजाम मेरठ जोन में किए गए हैं, जहां 3,200 महिला पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हैं। मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, बागपत और हापुड़ जैसे जिलों में भी महिला श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है।
डीजीपी राजीव कृष्ण के निर्देशन में हेल्पलाइन नंबरों की मॉनिटरिंग में भी महिला पुलिसकर्मियों को विशेष रूप से लगाया गया है, जिससे हर महिला श्रद्धालु खुद को सुरक्षित महसूस कर सके।
यह पहल न सिर्फ कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाएगी, बल्कि महिला सुरक्षा के प्रति प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।