उत्तर प्रदेश में कुछ पदों के लिए आउटसोर्सिंग से भर्ती वाली चिट्ठी पर यूपी पुलिस ने सफाई जारी की है. बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात जारी किए गए स्पष्टीकरण में पुलिस की ओर से कहा गया है कि – चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पूर्व से प्रचलित है. त्रुटिवश चतुर्थ कर्मचारियों के स्थान पर मिनिस्टीरियल स्टॉफ के लिए जारी पत्र को निरस्त कर दिया गया है. इस प्रकार का कोई भी प्रकरण पुलिस विभाग एवं शासन स्तर पर विचाराधीन नही है.
पत्र जारी किया जाना था जो कि
यूपी पुलिस की ओर से कहा गया- सोशल मीडिया में पुलिस विभाग में आउचसोर्सिंग के संबंध में एक पत्र प्रसारित हो रहा है जिसके संबंध में अवगत कराना है कि यह पत्र त्रुटिवश जारी हो गया है. पुलिस विभाग में चुतर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पूर्व से चल रही है, इसी के संबंध में पत्र जारी किया जाना था जो कि त्रुटिवश मिनिस्टीरियल स्टाफ के लिए जारी हो गया है. ऐसा कोई प्रस्ताव पुलिस विभाग और शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है. यह पत्र गलत जारी हो गया है जिसे निरस्त कर दिया गया है.
समाजवादी साथियों के द्वारा
पुलिस विभाग द्वारा स्पष्टीकरण जारी किए जाने पर समाजवादी पार्टी के नेता और अंबेडकरनगर से नवनिर्वाचित सांसद लाल जी वर्मा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सभी समाजवादी साथियों के द्वारा जिस पुरजोर तरीके से “उत्तर प्रदेश पुलिस में आउटसोर्सिंग” के खिलाफ आवाज उठाई गई, उसको देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया है, जिसमे यह कहा गया है त्रुटिवश पत्र जारी हो गया है. बताइए भला त्रुटिवश इतना बड़ा फैसला हो सकता है???? इन पर नजर बनाए रखें ये कभी भी पुलिस को अग्निवीर बना सकते हैं. सपा नेता ने लिखा कि समाजवादी पार्टी के साथियों के विरोध के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस पत्र को वापस ले लिया है। आप सभी बधाई के पात्र हैं