जानें कौन हैं DGP राजीव कुमार जिन्हें Loksabha Election से पहले चुनाव आयोग ने हटाया

Share This

 

लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने बड़ा एक्शन लिया है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार को पद से हटा दिया है। बंगाल सरकार ने सोमवार को राजीव कुमार की जगह विवेक सहाय को राज्य का नया डीजीपी नियुक्त कर दिया। सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के DGP राजीव कुमार के ट्रांसफर का फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि उन्हें पहले भी राज्य में 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव मैनेजमेंट संबंधी ड्यूटी से हटा दिया गया था। राजीव कुमार पश्चिम बंगाल के उन अधिकारियों में से एक रहे हैं, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद खास माने जाते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में…

कई प्रमुख पदों पर कर चुके हैं काम

राजीव कुमार पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के भी पसंदीदा अधिकारी थे। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1989 बैच के अधिकारी कुमार के पास आईआईटी रूड़की से इंजीनियरिंग की डिग्री है। वह कोलकाता पुलिस के कमिश्नर से पहले संयुक्त आयुक्त और महानिदेशक जैसे प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में, कोलकाता पुलिस के एसटीएफ की माओवादियों के खिलाफ उसके अभियानों के लिए काफी चर्चा हुई थी। उन्होंने लालगढ़ आंदोलन के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति छत्रधर महतो को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ममता बनर्जी के करीबी

राजीव कुमार को ममता बनर्जी का करीबी अधिकारी माना जाता है। राजीव कुमार के लिए ममता बनर्जी ने वर्ष 2019 में CBI के खिलाफ धरना भी दिया था। दरअसल तीन फरवरी 2019 को जब सीबीआई की टीम चिटफंड घोटाले से संबंध में पूछताछ करने के लिए कुमार के घर गई थी। राजीव कुमार पर चिटफंड मामले के साक्ष्य मिटाने के आरोप लगे थे। तब मुख्यमंत्री बनर्जी बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर विपक्ष के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गई थीं। कुमार उस वक्त कोलकाता के पुलिस आयुक्त थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *