बुलंदशहर में नाबालिग गैंगरेप पीड़िता की हिम्मत और डीआईजी कलानिधि नैथानी की तत्परता ने पुलिस और प्रशासन की जवाबदेही को उजागर किया। खुर्जा कोतवाली का निरीक्षण करने पहुंचे डीआईजी नैथानी उस समय चौंक गए, जब पीड़िता दौड़ते हुए उनकी कार की ओर आई और कहा कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें नहीं पकड़ रही। नौ पुलिसकर्मी भी उसे रोकने में असफल रहे।
डीआईजी ने लगाई फटकार
डीआईजी नैथानी ने तुरंत कार से उतरकर पीड़िता और उसके परिवार की पूरी शिकायत सुनी। उन्होंने फरार आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश दिया और पुलिस अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि नाबालिग पीड़िता की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। डीआईजी ने पीड़िता को लिखित शिकायत देने के लिए कहा और जांच में लापरवाही पाए जाने पर प्रभारी निरीक्षक खुर्जा को लाइन हाजिर कर दिया।
पीड़िता ने बताया कि गांव के छह युवकों ने 3 जून को उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। खुर्जा पुलिस ने चार आरोपियों आदित्य, सोनू, ललित और मंगल को गिरफ्तार किया और जेल भेजा, जबकि दो आरोपी शिवा और अमरजीत अभी फरार हैं।
विशेष टीम को किया जाएगा गठित
पीड़िता और उसके परिवार को आरोपी लगातार धमकियां दे रहे हैं। डीआईजी ने फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया और पुलिस को चेताया कि मामले में हर संभव कार्रवाई की जाए।
इस दौरान डीआईजी की कार्रवाई ने पुलिस को चेताया और पीड़िता को न्याय की उम्मीद और सुरक्षा का संदेश दिया। यह घटना स्पष्ट कर देती है कि गंभीर और संवेदनशील मामलों में अधिकारी की तत्परता और जिम्मेदारी ही पीड़िता के लिए न्याय सुनिश्चित कर सकती है।