फर्रुखाबाद में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लेखा अनुभाग में तैनात एक वरिष्ठ लिपिक का रिश्वतखोरी मामला सामने आया है। लखनऊ से पहुंची विजिलेंस टीम ने उसे हेड कांस्टेबल से यात्रा और महंगाई भत्ता पास कराने के एवज में 15,000 रुपये लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई इतनी अचानक हुई कि कार्यालय में हड़कंप मच गया।
विजिलेंस की योजना में यूं फंसा लिपिक
एसपी कार्यालय में तैनात हेड कांस्टेबल आदित्य कुमार पटेल का 1.45 लाख रुपये का यात्रा और महंगाई भत्ता काफी समय से लंबित था। आरोप है कि लेखा अनुभाग का वरिष्ठ लिपिक हरेंद्र सिंह चौहान भुगतान मंजूर करने के लिए 15 हजार रुपये की मांग कर रहा था। कई प्रयासों के बावजूद जब विभागीय प्रक्रिया नहीं बढ़ी, तो हेड कांस्टेबल ने उप्र सतर्कता अधिष्ठान के सीओ राजन कुमार रावत से शिकायत की।
शिकायत के आधार पर विजिलेंस की छह सदस्यीय टीम ने गुरुवार को एसपी कार्यालय का निरीक्षण किया और शुक्रवार को ट्रैप की योजना लागू की। तय रकम लेकर हेड कांस्टेबल हरेंद्र के पास पहुंचे। जैसे ही लिपिक ने रुपये लिए और गिनने लगा, तभी पीछे से विजिलेंस टीम ने पहुंचकर उसे पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस ले जाया गया, जहां करीब तीन घंटे तक उससे पूछताछ की गई। इसके बाद विजिलेंस टीम उसे अपने साथ लखनऊ ले गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपी लिपिक मूल रूप से बुलंदशहर जनपद के खुर्जा का निवासी है और वर्तमान में उसका परिवार मेरठ के कृष्णा नगर में किराए के मकान में रह रहा है।
एसपी का बयान
एसपी आरती सिंह ने बताया कि विजिलेंस की कार्रवाई के बाद आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। साथ ही उसे निलंबित कर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।