जब कभी किसी UPSC एस्पिरेंट से पूछा जाए कि, आप आईएएस क्यों बनना चाहते हो तो उसका जवाब होता है – देश सेवा का भाव हमारे मन में है इसलिए कलेक्टर बनकर जिला की जिम्मेदारी संभालेंगे। जब IAS बन जाते हैं तो तस्वीर कुछ और ही दिखाई देती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है महाराष्ट्र से। यहां प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने इस हद तक पॉवर का गलत उपयोग किया कि, उनका ट्रांसफर ही कर दिया गया।
मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र के बाद
महाराष्ट्र सरकार ने प्रोबेशनरी IAS पूजा खेड़कर के खिलाफ पॉवर के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद उन्हें पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया है। अब वे वाशिम में सुपर न्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर काम करेंगी। प्रोबेशनरी IAS पूजा खेड़कर पर यह कार्रवाई पुणे कलेक्टर डॉ. सुहास दिवासे द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र के बाद की गई है। कलेक्टर ने मुख्य सचिव को पत्र में पूजा खेड़कर के कई कारनामों का खुलासा किया है।
सूत्रों के अनुसार
आईएएस पूजा खेड़कर 2023 बैच की अधिकारी हैं। ज्वाइन करते ही पहले तो उन्होंने एक ठेकेदार से तोहफ़े में ऑडी कार ली। बदले में क्या दिया यह बड़ा सवाल है! पूजा खेड़कर ने तोहफे में मिली इस ऑडी कार पर लाल बत्ती लगवा ली। इस ऑडी पर आईएएस मेडम ने वीआईपी नंबर प्लेट मांगा। उसके बाद पुणे कलेक्टर का प्राइवेट चैंबर तक छीन लिया। सूत्रों के अनुसार जिस विकलांगता प्रमाणपत्र के सहारे मैडम ने आईएएस पास किया, वह भी नकली है। बता दें कि, आईएएस पूजा खेड़कर के पिता भी प्रशासनिक सेवाओं में हैं। उन्होंने कथित तौर पर जिला कलेक्टर कार्यालय पर अपनी बेटी की मांगों को पूरा करने के लिए दबाव डाला और अधिकारियों को परिणाम भुगतने की चेतावनी तक दी थी।नियम कहते हैं कि, प्रोबेशन अधिकारी को वीवीआईपी नंबर प्लेट, पर्याप्त स्टाफ या आधिकारिक कक्ष जैसी सुविधाएं नहीं मिल सकती।