उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ जब से दुबारा सत्ता में आए हैं, तब से अपराध के खिलाफ उनका सख्त रवैया देखने को मिल रहा है। अब उनके इसी अंदाज पर बरेली जिले के एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवि दिवाकर ने टिपण्णी करते हुए खूब तारीफ की है। उन्होंने CM योगी आदित्यनाथ की तुलना ‘दार्शनिक राजा’ के विचार से की, जैसा कि प्लेटो ने अपने सुकराती संवाद, रिपब्लिक में उल्लिखित किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने बरेली में मौलाना तौकीर रजा को कोर्ट में समन किए जाने के दौरान ये ऑब्जर्वेशन दिया। रवि दिवाकर जब वाराणसी तैनात थे तो उस दौरान उन्होंने ही ज्ञानवापी मामले की सुनवाई की थी।
हमारे नगर राज्यों में तब तक कष्टों का अंत नहीं होगा
कोर्ट ने कहा कि ”“सत्ता का मुखिया एक धार्मिक व्यक्ति होना चाहिए जिसका जीवन त्याग और समर्पण का होता है। जैसा कि दार्शनिक प्लेटो ने अपनी एक किताब ‘Philospher King’ में लिखा है। उसमे उन्होंने कहा है कि, ‘हमारे नगर राज्यों में तब तक कष्टों का अंत नहीं होगा, जब तक यहाँ का राजा दार्शनिक न हो। वर्तमान समय में हम जिसे न्याय कहते हैं उस शब्द का प्लेटो ने धर्म के रूप में प्रयोग किया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ जी हैं, जो उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री के रूपमें कार्यरत हैं। उन्होंने अपने सत्ता में इस बात को सही सिद्ध किया है।” उन्होंने आगे कहा कि, “हमारे देश में दंगे होने का प्रमुख कारण, यहां राजनैतिक दलों के एक धर्म विशेष के ऊपर तुष्टिकरण में लगे रहना है। जिससे उस धर्म के प्रमुख लोगों का मनोबल बढ़ जाता है। उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि अगर वो दंगे करवा भी देंगे तो बच जाएंगे। जैसे की मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ सबूत होने के बावजूद भी उनके नाम को आरोप पत्र में शामिल नहीं किया गया।
नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक बातें कही गईं
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवि दिवाकर ने अपने फैसले में लिखा कि, “यूपी में अगर योगी आदित्यनाथ की सरकार न होती तो बरेली में कुछ दिन पहले आरोपी खान दंगा भड़का सकता था। उन्होंने कहा कि, ‘हाल ही में मौलाना तौकीर रजा द्वारा बरेली शहर में एक बार फिर दंगा भड़काने का प्रयास किया गया और भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक बातें कही गईं। उनके इस टिपण्णी को मेरी पत्नी ने भी सुना है। जिसके बाद वो मझसे आश्चर्यचकित होकर कहती है कि जब यह व्यक्ति देश के प्रधानमंत्री के बारे में ऐसी बातें बोल सकता है, तो वह कुछ भी कर सकता है। ऐसे में यदि वर्तमान समय पर उत्तर प्रदेश में माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार न होती रो बरेली में कुछ दिन पूर्व खान द्वारा दंगा करवा दिया गया होता। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि CM योगी की तारीफ करने वाले और इस मामले की सुनवाई करने वाले जज ने ही ज्ञानवापी को लेकर भी फ़ैसला दिया था। इस मामले पर उन्होंने टिपण्णी करते हुए अपने परिवार के डर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, ज्ञानवापी प्रकरण पर फ़ैसला सुनाने के बाद से मुझे 32 पन्नों का धमकी भरा पत्र भेजा गया। जिसमें किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, ऐसे में मेरे परिवार में हर कोई डरा हुआ है।