उत्तर प्रदेश में अपराध के खिलाफ पुलिस की सख्ती अब जमीन पर दिखने लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को अमल में लाते हुए यूपी पुलिस ने हाल ही में तीन जिलों—आगरा, बागपत और बुलंदशहर—में अपराधियों के खिलाफ सीधे एक्शन लिया। ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ नाम से चलाए जा रहे इस विशेष अभियान में पुलिस ने ताबड़तोड़ मुठभेड़ें कीं, जिनमें कई शातिर अपराधी गोली लगने से घायल हुए और कुछ को मौके से गिरफ्तार भी किया गया।
तीन जिलों में हुई ताबड़तोड़ कार्रवाइयाँ
आगरा के थाना जगदीशपुरा क्षेत्र में पुलिस की मुठभेड़ के दौरान एक आरोपी तुषार को गोली लगी, जो कुछ दिन पहले एक व्यक्ति को गोली मारने के मामले में वांछित था। पुलिस ने उसे दबोचकर एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।
बागपत में स्वाट टीम और शहर कोतवाली की साझा कार्रवाई में कुख्यात अपराधी राहुल दूधिया पुलिस की गोली से घायल हुआ। उस पर हत्या के आरोप थे और वह लंबे समय से फरार चल रहा था।
बुलंदशहर में पुलिस ने 15 हजार के इनामी बदमाश आसिफ और उसके साथी राशिद को धर दबोचा। मुठभेड़ में आसिफ के पैर में गोली लगी। आसिफ के खिलाफ 18 से ज्यादा केस दर्ज हैं।
संदेश साफ है—अपराध की कोई जगह नहीं
उत्तर प्रदेश पुलिस का यह स्पष्ट संदेश है कि अब अपराधियों को कानून से बच निकलने की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। ऑपरेशन लंगड़ा के तहत टारगेटेड कार्रवाई कर पुलिस न केवल अपराधियों को पकड़ रही है, बल्कि समाज में कानून का डर भी मजबूत कर रही है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और अपराधियों की कमर इसी तरह तोड़ी जाती रहेगी।