डीजीपी राजीव कृष्ण का सख्त रुख, इन 5 जिलों के लापरवाह अफसरों को चेतावनी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण लगातार पुलिसिंग को संवेदनशील और जवाबदेह बनाने के लिए सक्रिय हैं। शुक्रवार को उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेशभर की जनशिकायतों, कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों की उच्चस्तरीय समीक्षा की। इस दौरान डीजीपी ने साफ कहा कि जनता की शिकायतों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होगी।

डीजीपी ने कहा ये

समीक्षा में सामने आया कि 56 जिलों में जनशिकायतों की संख्या घटी है, जबकि 20 जिलों में इसमें बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इनमें भी लखनऊ, बहराइच, कानपुर, झांसी, जौनपुर और आगरा जैसे जिलों में सर्वाधिक शिकायतें मिलीं। इस पर डीजीपी ने निर्देश दिया कि ऐसे मामलों को चिह्नित कर सूची बनाई जाए और जिलास्तर पर वरिष्ठ अधिकारी खुद शिकायतकर्ताओं से संवाद करें। यदि आरोप सही साबित होते हैं तो संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ बिना देर किए कार्रवाई की जाए।

डीजीपी ने यह भी कहा कि सीओ स्तर के अधिकारी सक्रिय भूमिका निभाएं और थानों पर पीड़ितों के साथ संवेदनशील व्यवहार सुनिश्चित करें। उन्होंने आगाह किया कि अपराधियों पर कठोर कार्रवाई और पीड़ितों को त्वरित राहत ही पुलिस की असली पहचान है।

बैठक के दौरान हाल ही में थाना ट्रांस यमुना में सामने आए विवादित मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाएं पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए उच्च अधिकारी समय-समय पर थानों की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा करें।

इन अफसरों को किया गया तलब

जनशिकायतों में लापरवाही पाए जाने पर डीजीपी ने वाराणसी और गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नरों के साथ ही देवरिया, संभल, कौशांबी और बदायूं के एसपी को फटकार लगाई तथा स्पष्टीकरण तलब किया।

राजीव कृष्ण ने जोर देकर कहा कि पुलिस बल की विश्वसनीयता तभी कायम रह सकती है, जब वह सजग, कर्मठ और पारदर्शी कार्यशैली के साथ जनता का भरोसा जीत सके।

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