उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी राजीव कृष्ण ने श्रावण मास की कांवड़ यात्रा को लेकर पूरी ताकत से कमान संभाल ली है। उन्होंने साफ कहा है कि यह यात्रा न केवल श्रद्धा का विषय है, बल्कि सुरक्षा, समन्वय और जवाबदेही का भी बड़ा अवसर है।
डीजीपी ने दी चेतावनी
डीजीपी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि कांवड़ रूट पर स्थित ढाबा और खानपान दुकानों के संचालक अपनी पहचान हर हाल में सार्वजनिक रखें। अगर कोई अपनी पहचान छिपाकर या गलत मंशा से धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राजीव कृष्ण ने राज्य की पुलिस को फूड सेफ्टी विभाग के साथ मिलकर ओवररेटिंग और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि श्रद्धालुओं को लूटने या गुमराह करने की कोई कोशिश नहीं चलने दी जाएगी।
सुरक्षा के लिए हाईटेक निगरानी डीजीपी ने बताया कि इस बार कांवड़ यात्रा की निगरानी बेहद आधुनिक तकनीकों से हो रही है। सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन की लाइव फीड सीधे पुलिस मुख्यालय तक पहुंच रही है, जिससे हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। सीमावर्ती राज्यों की पुलिस से भी तालमेल के लिए एक खास वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है, जिस पर हर पल की जानकारी साझा की जा रही है।
इस मामले में भी कही ये बात
धर्मांतरण के मामलों पर भी सख्ती राजीव कृष्ण ने अवैध धर्मांतरण के मामलों पर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि एटीएस की जांच गहराई तक जा चुकी है और अब कस्टडी रिमांड के जरिये आरोपियों से ठोस सबूत जुटाए जा रहे हैं। ऐसे गिरोह जो धर्मांतरण को व्यापार बना चुके हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी।