लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने प्रदेशभर के पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अहम बैठक की। इस बैठक में जनशिकायतों के निस्तारण, कानून-व्यवस्था की मजबूती, साइबर अपराध की रोकथाम और महिला सुरक्षा जैसे चार प्रमुख मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।
डीजीपी ने दिए निर्देश
बैठक के दौरान डीजीपी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जनता की शिकायतों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि थाने स्तर पर आने वाली हर शिकायत पर संवेदनशील रवैया अपनाते हुए तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। पीड़ित को त्वरित राहत दिलाना ही पुलिस की पहली जिम्मेदारी है।
कानून-व्यवस्था को लेकर उन्होंने यह भी कहा कि छोटी से छोटी घटनाओं को नजरअंदाज न किया जाए। किसी भी स्थिति में पुलिस की तत्परता और सजगता से जनता का भरोसा कायम रहना चाहिए। वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर संवाद कर समस्याओं का समाधान करें।
साइबर अपराध पर चर्चा करते हुए डीजीपी ने साइबर क्राइम हेल्प डेस्क को और अधिक सक्रिय बनाने पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि जैसे ही पीड़ित ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराए, तुरंत उससे संवाद स्थापित कर आवश्यक कदम उठाए जाएं। खासतौर से ऑनलाइन ठगी और आर्थिक अपराधों के मामलों में खातों को समय रहते फ्रीज कराना बेहद जरूरी है।
महिला सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि छेड़खानी, घरेलू हिंसा और उत्पीड़न जैसी घटनाओं पर गंभीरता से कार्रवाई होनी चाहिए। हर थाने में महिला संबंधी मामलों के लिए प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की जाए, ताकि पीड़ित महिलाओं को छोटे से छोटे मामलों में भी न्याय मिल सके।
लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
बैठक के अंत में डीजीपी राजीव कृष्ण ने सभी अधिकारियों को चेताया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस की पहचान संवेदनशीलता, तत्परता और पारदर्शिता से ही बनती है।