यूपी में हाल ही में हुए तबादलों के बाद कानपुर की कमान आईपीएस अखिल कुमार को सौंपी गई है। अपनी नई जिम्मेदारी संभालते ही उन्होंने ये साफ कर दिया है कि जिले में बीट प्रणाली एक बार फिर से लागू की जाएगी। इसके अंतर्गत अब जिले में तैनात करीब 5000 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को रोजाना करीब अपनी-अपनी बीट पर 250 लोगों से मुलाकात कर मोबाइल नंबर भी देने होंगे। वहीं थानेदारों को इस दौरान इलाके से लोगों से बातचीत करनी पड़ेगी।
नए सीपी ने शुरू की पहल
जानकारी के मुताबिक, पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बुधवार को एक नयी पहल शुरू करते हुए जन सेवा जन भागीदारी बीट पुलिस अधिकारी को जिम्मेदारी दी है। इस पहल की शुरुआत में ही उन्होंने ये साफ कर दिया है कि शहर की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ व प्रभावी बनाने के लिए बीट पुलिस ऑफिसर को कार्य में लाया गया है।
उनका कहना है कि अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि ठेले वाले, पान की दुकान, गोलगप्पे बेचने वाले, रेहड़ी पटरी वालों में से कोई भी अपनी बीट पुलिस अधिकारी को नहीं जानता है। ऐसे में पुलिस और जनता के बीच समन्वय बैठाना काफी मुश्किल हो जाता है। इसी के चलते अब एक बार फिर से बीट पुलिस प्रणाली की शुरुआत की जा रही है।
बीट पुलिस अधिकारी की इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य बीट पुलिस अधिकारी को राजस्व विभाग के लेखपाल की तरह आम जनता के बीच सम्पूर्ण रूप से कार्य में निपुण बनाना है और उसको उसी प्रकार का महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट पहचान बनाकर फरियादियों की सुनवाई करनी होगी।
जिम्मेदारी से होगा काम
इसके साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि बीट पुलिस अधिकारी अपनी बीट पर जिम्मेदारी से कार्य करेंगे। इसके साथ ही इसका फीडबैक भी देंगे, जिससे शहर की कानून व्यवस्था, अपराध, अतिक्रमण, ट्रैफिक आदि व्यवस्थाओ में सुधार होगा। इस काम में जिले भर के तकरीबन 5000 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबलों को लगाया जा रहा है।