उरई। कदौरा थाने में तैनाती के दौरान अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे रहे एक पुलिसकर्मी पर अब कार्रवाई की गाज गिरी है। झांसी स्थित भ्रष्टाचार निवारण संगठन की लंबी जांच के बाद पूर्व सिपाही और वर्तमान हेड कांस्टेबल राजकिशोर भदौरिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया गया है।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक राजकिशोर ने अपने कार्यकाल में वैध आय की तुलना में 50.19 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की थी, जिसका वैध स्रोत वह पेश नहीं कर सके। जांच में पाया गया कि उन्होंने 32 लाख 55 हजार रुपये की चल-अचल संपत्ति का हिसाब नहीं दिया।
ये था मामला
बांदा जनपद के जसपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम नरायण निवासी राजकिशोर भदौरिया वर्ष 2020 में कदौरा थाने में सिपाही के पद पर तैनात थे। उस दौरान ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। इन्हीं आरोपों को लेकर 20 जून 2020 को कालपी के ट्रांसपोर्टर बीरेंद्र यादव ने अपर पुलिस महानिदेशक और भ्रष्टाचार निवारण संगठन, झांसी को लिखित शिकायत भेजी थी।
शिकायत में बताया गया था कि कदौरा थाने में तैनात कुछ पुलिसकर्मी—जिनमें एसआई संजय सिंह और सिपाही राजकिशोर भदौरिया शामिल थे—ट्रांसपोर्ट कारोबारियों से वसूली कर रहे हैं और अवैध संपत्ति बना रहे हैं।
शिकायत के बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन, झांसी मंडल ने विस्तृत जांच शुरू की। करीब पांच साल की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि राजकिशोर भदौरिया ने बतौर लोक सेवक कुल 64 लाख 85 हजार 801 रुपये की आय अर्जित की थी, लेकिन उनके खर्च और संपत्ति का आकलन 97 लाख 41 हजार 524 रुपये पाया गया। यानी उन्होंने अपनी घोषित आय से 32 लाख 55 हजार 723 रुपये अधिक संपत्ति जुटाई।
जांच हुई पूरी
जांच रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ कदौरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। संगठन के झांसी मंडल प्रभारी शादाब खान ने बताया कि यह मामला वर्ष 2020 से विचाराधीन था, और जांच पूरी होने के बाद अब इसे मुख्यालय लखनऊ भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि राजकिशोर भदौरिया को दो वर्ष पूर्व पदोन्नति मिली थी और वर्तमान में वे कानपुर नगर कमिश्नरेट के बर्रा दक्षिणी थाना क्षेत्र में हेड कांस्टेबल के रूप में तैनात हैं। कदौरा थानाध्यक्ष प्रभात सिंह के मुताबिक, मुकदमा दर्ज कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है और आगे की कार्यवाही भ्रष्टाचार निवारण संगठन द्वारा की जाएगी।