बिहार में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पुलिस विभाग का रुख भी बदला-बदला दिखाई दे रहा है। अपराध नियंत्रण के लिए कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ अब पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों की बेहतरी पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इसी कड़ी में एक अहम निर्णय लिया गया है, जिसके तहत ड्यूटी के दौरान लापता हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों को तत्काल राहत दी जाएगी।
मिलेगी इतनी मदद
नई व्यवस्था के अनुसार ऐसे सभी मामलों में परिवार को परोपकारी कोष से एकमुश्त एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। इस राशि को मंजूरी देने का अधिकार अब डीजीपी स्तर पर रहेगा। पुलिस मुख्यालय में केंद्रीय प्रशासी समिति की हालिया बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। यदि कोई पुलिसकर्मी निर्धारित अवधि के भीतर सुरक्षित मिल जाता है, तो दी गई अनुदान राशि को ऋण मानते हुए बाद में वेतन से किस्तों में समायोजित किया जाएगा।
बैठक में कई कल्याणकारी प्रस्तावों पर मुहर
बैठक में मृत पुलिसकर्मियों के आश्रितों से आए 56 प्रार्थना पत्रों की समीक्षा की गई, जिनके लिए परोपकारी कोष से 25 वर्ष तक सात लाख 68 हजार रुपये की राशि स्वीकृत करने की अनुशंसा की गई।
पुलिस सहाय्य एवं कल्याण कोष से भी 14 अधिकारियों को कुल आठ लाख 68 हजार रुपये देने का निर्णय हुआ।
इसके अलावा 54 और आवेदनों पर विचार करते हुए दस लाख 49 हजार रुपये स्वीकृत करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
शिक्षा कोष के तहत भी 292 आवेदनों की समीक्षा की गई और लगभग 72 लाख 95 हजार रुपये की राशि मंजूर की गई, जिससे पुलिसकर्मियों के बच्चों की पढ़ाई में मदद मिल सके।
बदलते राजनीतिक माहौल के बीच यह कदम पुलिसकर्मियों के मनोबल को बढ़ाने और उनके परिवारों को सुरक्षा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।