अलीगढ़ के ग्रामीण इलाकों में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा जिस पहल की हो रही है, वह है एसपी देहात अमृत जैन द्वारा शुरू किया गया कोहरे का पहरा अभियान। घने कोहरे वाले मौसम में अपराधियों की सक्रियता बढ़ जाती है, ऐसे में पुलिस ने ग्रामीण जनता को साथ जोड़कर सुरक्षा का नया मॉडल तैयार किया है।
अफसरों ने की गश्त
खैर सर्किल के बाँकनेर और नगरिया बिजना गांव में एसपी ग्रामीण खुद रातभर मौजूद रहे। ठंड और कम दृश्यता वाली इस रात में उन्होंने ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों के साथ पैदल गश्त की, रास्तों की संवेदनशीलता जांची और ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। अलीगढ़ देहात में बनी 886 ग्राम सुरक्षा समितियाँ—जिनमें करीब आठ हजार लोग शामिल हैं—अब इस अभियान की रीढ़ बन चुकी हैं।
कोहरे का पहरा अभियान का मुख्य उद्देश्य है—रात में कोहरे का फायदा उठाकर होने वाली चोरी, लूट, पशु कटान और अन्य आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाना। इसके लिए समिति के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वे रात में किन मार्गों पर गश्त बढ़ाएं, किस तरह संदिग्ध गतिविधियों को नोटिस करें और तुरंत पुलिस को कैसे सूचना दें।
एसपी ग्रामीण ने कहा ये
एसपी ग्रामीण का मानना है कि जब कोहरा हर चीज को ढक देता है, तब सबसे ज्यादा जरूरी है समुदाय की सतर्कता। इसी सोच के साथ गांवों में यह मॉडल लागू किया जा रहा है, जिसमें पुलिस और ग्रामीण मिलकर एक साझा सुरक्षा घेरा तैयार कर रहे हैं।
ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों ने इस पहल को बेहद उपयोगी बताया और भरोसा दिलाया कि वे रात की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में पूरा सहयोग देंगे। अभियान शुरू होने के बाद कई गांवों में रात की गतिविधियों पर निगरानी पहले से अधिक सख्त हो गई है।